Prayagraj News: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने आयुष्मान भारत योजना में बड़ी फर्जीवाड़े का खुलासा किया है. प्रयागराज में एक संगठित गिरोह अपात्र लोगों के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर आयुष्मान कार्ड बनवा रहा था. एसटीएफ ने इस गिरोह के मास्टरमाइंड अमित पांडेय समेत दो आरोपियों को नवाबगंज क्षेत्र से गिरफ्तार किया है. इनके पास से 84 फर्जी आयुष्मान कार्ड, संबंधित डेटा और सैकड़ों फर्जीवाड़े से जुड़ी वॉट्सऐप चैटिंग के स्क्रीनशॉट बरामद किए गए हैं.
गिरफ्तार किए गए मास्टरमाइंड अमित पांडेय, निवासी नवाबगंज, प्रयागराज ने एम.ए. की पढ़ाई की है और पहले डिजिटल इंडिया आत्मनिर्भर स्कीम के तहत जनसेवा केंद्र चलाता था. उसके साथ पकड़ा गया दूसरा आरोपी बृजभुवन पटेल, सौरांव का रहने वाला है, जिसकी शिक्षा इंटरमीडिएट है. एसटीएफ को लंबे समय से इस तरह के फर्जी कार्ड बनाए जाने की शिकायत मिल रही थी. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह की निगरानी में एसटीएफ की साइबर यूनिट ने मुखबिर और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर यह कार्रवाई की.
कैसे होता था फर्जीवाड़ा?
पूछताछ में अमित ने बताया कि वह बिहार के पटना निवासी सुनित मंडल नामक व्यक्ति से फेसबुक पर जुड़ा. सुनित की मदद से वह लोगों के आधार कार्ड, फैमिली आईडी और मोबाइल नंबर भेजकर फर्जी कार्ड बनवाता था. इसके बदले वह प्रत्येक कार्ड पर 3,500 से 5,000 रुपये सुनित को देता था. फिर इन कार्डों को मरीजों तक पहुंचाया जाता, जिससे वे अपात्र होते हुए भी इलाज करवा लेते थे.
बृजभुवन ने कबूला कि वह प्रत्येक कार्ड पर 12,000 से 15,000 रुपये अपात्र मरीजों से वसूलता था और उसमें से हिस्सा अमित को देता था. इलाज से पहले फर्जी कार्ड अस्पतालों में दिखाया जाता, जिससे सरकारी योजना के तहत मुफ्त इलाज मिलता था और सरकारी खजाने को भारी नुकसान होता.
अब तक 200 से ज्यादा फर्जी कार्ड
एसटीएफ के मुताबिक इस गिरोह ने अब तक लगभग 200 से ज्यादा फर्जी आयुष्मान कार्ड तैयार करवाए हैं. इससे सरकार को लाखों रुपये का नुकसान हो चुका है. बरामद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की फोरेंसिक जांच कराई जा रही है और गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है.
आयुष्मान भारत योजना क्या है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई ‘आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ (PMJAY) का उद्देश्य देश के गरीब और वंचित परिवारों को हर साल 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मुहैया कराना है. उत्तर प्रदेश में भी लाखों लोगों को इस योजना से लाभ मिला है, लेकिन इसी का फायदा उठाकर कुछ लोग फर्जीवाड़ा कर रहे हैं.
पुलिस ने मामला किया दर्ज
गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ थाना नवाबगंज में केस दर्ज किया गया है. उन पर बीएनएस और आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं में मुकदमा चलाया जाएगा. एसटीएफ और स्थानीय पुलिस अब पूरे गिरोह की जड़ तक पहुंचने के लिए जांच तेज कर चुकी है.
प्रयागराज में फर्जी आयुष्मान कार्ड रैकेट का पर्दाफाश, STF ने मास्टरमाइंड समेत दो शातिर दबोचे
3