प्रशासन द्वारा अधिग्रहित जमीन पर किसानों का फिर कब्जा, फसल बोई

by Carbonmedia
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कोटली गाजरा गांव में किसानों ने हाल ही में प्रशासन द्वारा अनाज मंडी निर्माण हेतु अधिग्रहित की गई 30 एकड़ भूमि पर दोबारा कब्जा कर फसल बो दी। यह कार्रवाई किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेतृत्व में हुई जिसकी प्रदेश उपाध्यक्ष जसबीर सिंह पिद्दी, सलविंदर सिंह जानिया और जिला अध्यक्ष गुरमेल सिंह रेडवा ने अगुवाई की। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए साफ कहा कि वे किसी भी कीमत पर इस जमीन पर मंडी नहीं बनने देंगे। उन्होंने प्रशासन पर बिना मुआवज़ा दिए जबरन जमीन कब्जाने, फसलें नष्ट करने और किसानों को नजरबंद व गिरफ्तार करने का आरोप लगाया। जसबीर सिंह पिद्दी ने बताया कि यह भूमि शाहकोट तहसील के पास स्थित है, जिसका सरकारी रेट ₹92,000 प्रति मरला है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार इसकी बाजार कीमत करोड़ों में है, जबकि प्रशासन सिर्फ ₹28 लाख में अधिग्रहण करना चाहता है। पहले से अधिग्रहीत 100 एकड़ भूमि पर बनाएं मंडी किसानों ने यह भी बताया कि कई परिवारों के घर इस जमीन पर हैं, और अधिग्रहण के बाद उनके पास कोई रास्ता नहीं बचेगा। उन्होंने मांग की कि सरकार यदि मंडी बनाना चाहती है तो पहले से अधिग्रहीत 100 एकड़ भूमि का ही उपयोग करे। एसडीएम कार्यालय से रीडर मुख्तियार सिंह ने मौके पर पहुंचकर किसानों से बातचीत कर समाधान का आश्वासन दिया। कपूरथला और जालंधर के किसानों ने कहा कि यह जंग जमीन की नहीं सम्मान की भी है।

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