बारिश के मौसम में फंगल इंफेक्शन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सिविल अस्पताल लुधियाना की ओपीडी में रोजाना 70 से 80 मरीज स्किन इंफेक्शन की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। नमी, पसीना और गीले कपड़ों के कारण संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा होता है। बच्चों, महिलाओं, पुरुषों और यहां तक कि नवजातों तक में फंगल इंफेक्शन केस सामने आ रहे हैं। परेशान करने वाली बात ये है कि लोग बिना डॉक्टर से पूछे दवा लगाकर इलाज करते हैं, जिससे फंगल दबता जरूर है लेकिन बाद में गंभीर रूप से फैल जाता है। बच्चे, महिला, पुरुष, नवजात प्रभावित {नवजात को पिता से फंगल इंफेक्शन हुआ : एक नवजात को पिता से फंगल इंफेक्शन हो गया। पिता की कमर पर रिंगवर्म जैसा दाना था, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया। बच्चे को जब फंगल हुआ तो जांच में पता चला कि संक्रमण पिता से ट्रांसफर हुआ था। {महिला ने खुद से दवा लेकर लगाई, फंगल बढ़ गया: एक महिला ने कमर पर खुजली और लाल धब्बे होने पर मेडिकल स्टोर से एंटी फंगल क्रीम ली और खुद ही लगानी शुरू कर दी। कुछ दिन बाद फंगल पूरे पेट और जांघों तक फैल गया। डॉक्टर के पास पहुंचने पर पता चला कि दवा ने इंफेक्शन को दबा दिया था, पूरी तरह ठीक नहीं किया। {बच्चे की पीठ पर दाने, नमी से फैला फंगल : एक 11 साल का बच्चा फंगल इंफेक्शन की चपेट में आ गया। बच्चे की पीठ पर रोज पसीना आता था, गीला टीशर्ट देर तक नहीं बदलता था। नमी से फंगल शुरू हुआ और धीरे-धीरे दाने पूरे कंधे और पीठ पर फैल गए। इलाज में 2 हफ्ते से ज्यादा का वक्त लगा।
फंगल इंफेक्शन बढ़ा, रोज आ रहे हैं 70 से 80 मरीज
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