पंजाब में फतेहगढ़ साहिब के खमाणों ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले गांव लखनपुर (गरचां पत्ती) की पंचायत ने एक तुगलकी फरमान जारी कर दिया है। विवादास्पद और गैरकानूनी फैसला लेते हुए गांव में रह रहे प्रवासी परिवारों को एक सप्ताह के भीतर गांव खाली करने का आदेश दिया है। गांव पंचायत ने आरोप लगाया है कि रजवाहे के किनारे डेरा जमाए ये प्रवासी युवक गांव की गलियों में बेवजह घूमते रहते हैं, सार्वजनिक स्थलों पर बीड़ी-सिगरेट पीते हैं। ये सभी महिलाओं व बच्चों को परेशान करते हैं। पंचायत ने यह भी कहा है कि कुछ लोग नशीली भांग की खेती और सेवन में भी शामिल हैं, जिससे गांव में अपराध और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। “काम करने आए, अब डेरा जमा लिया” गांव के निवासियों का कहना है कि ये प्रवासी परिवार पहले तो धान लगाई और गेहूं की कटाई के मौसम में मजदूरी करने आए, लेकिन अब स्थायी रूप से गांव में रहने लगे हैं। यदि उनके पास आधार कार्ड या पहचान पत्र होते तो स्थिति अलग होती, लेकिन इनकी पहचान न होने से कानून व्यवस्था पर संकट खड़ा हो गया है। सरपंच बोले- जमींदार रखना चाहता है, तो जिम्मेदारी ले गांव के सरपंच ने कहा है कि यदि कोई जमींदार इन प्रवासी मजदूरों को अपने मोटर या खेतों पर काम पर रखना चाहता है, तो वह ऐसा कर सकता है लेकिन केवल पहचान पत्र लेकर और पूरी जिम्मेदारी के साथ। पंचायत ने प्रशासन से अपील की है कि वह गांव में अपराध, नशे और असामाजिक गतिविधियों के डर को देखते हुए प्रवासी परिवारों को हटाने में सहयोग करे।
फतेहगढ़ साहिब की पंचायत का प्रवासियों के नाम फरमान:एक सप्ताह में गांव छोड़ने को कहा; आरोप- सार्वजनिक जगहों पर बीड़ी-सिगरेट पीते हैं
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