यूपी के फतेहपुर जिले में यमुना में आई बाढ़ ने तबाही मचा रखी है, सैकड़ो किसानों की हजारों बीघा फसल बाढ़ में डूब गई. दो दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए, किसानों के घर पानी से लबालब हो गये हैं. बांदा-सागर रोड और ललौली-चिल्ला मार्ग पूरी तरह जलमग्न हो गया. यमुना नदी खतरे के निशान 100 से 102.8 मीटर पर पहुंच गई.
ललौली कोर्राकनक से मुत्तौर 15 किमी रोड जो 20 गांवो के पहुंचने का मुख्य मार्ग है, उसमें 20 फ़ीट गहरा पानी भर गया है. किसानों के सिंचाई के लिए लगे नलकूप डूब गए, बिजली के खंभों के ऊपर से पानी बहने लगा. ललौली की बाजार और सैकड़ो दुकानें पानी में डूब गई. बारिश और बाढ़ से व्यापारियों का व्यापार चौपट हो गया.
बर्बादी की कगार पर हजारों बीघा फसल
वहीं किसानों की हजारों बीघा फसल और उनके घर भी पानी मे डूब गए, अब वह बाढ़ चौकियों और बाढ़ शिविर में शरण लेने को मजबूर हैं. पुलिस ने जलमग्न हुई रोड में बैरिकेडिंग कर ग्रामीणों से पानी में न जाने की अपील कर रही है. जिलाधिकारी रविन्द्र सिंह और पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचकर हालातों का जायजा लिया.
कई गांवों का टूटा संपर्क
जिले के किसनपुर और खखरेरू क्षेत्र में भी यमुना की बाढ़ का प्रकोप देखने को मिला है. बाढ़ का पानी दमहा नाले से रामलीला मैदान और कस्बे तक पहुंच गया. खखरेरू से कोट सहित दर्जनों गांवों को जोड़ने वाला ससुर खदेरी नदी का पुल पानी मे डूब गया, जिससे दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया.
SDM खागा अभिनीत कुमार ने कहा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में उनके तहसीलदार और नायाब अपनी टीमों ले साथ मौके पर हैं, बाढ़ चौकियों में ग्रामीणों को सुरक्षित किया है. वही सदर तहसीलदार ने कहा बाढ़ ग्रस्त इलाके पर पैनी नजर बनाई गई है. ललौली इंटर कालेज में कैम्प बनाकर बाढ़ पीड़ितों को रोका गया है.
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