फतेहाबाद की साइबर सेल में कार्यरत कॉन्स्टेबल राजेश के आठ महीने के बेटे युवांश का जीवन बचाने के लिए छह जिलों की पुलिस जुट गई है। स्विटजरलैंड से इंजेक्शन मंगवाने के लिए 14 करोड़ 50 लाख रुपए एकत्रित करने के लिए इन जिलों के पुलिसकर्मी एक दिन का वेतन देंगे। एडीजीपी से लेकर एसपी तक पुलिसकर्मियों को स्वेच्छा से एक दिन का वेतन युवांश के लिए देने को लेटर लिखे हैं। रोहतक के एडीजीपी वाई पूर्ण कुमार ने रोहतक, भिवानी और चरखी दादरी के एसपी को लेटर लिख दिया है। वहीं, कैथल की एसपी आस्था मोदी और सिरसा के एसपी मयंक गुप्ता भी लेटर लिख चुके हैं। फतेहाबाद के पुलिसकर्मी भी अपने स्तर पर मदद कर रहे हैं। दावा है कि अगर इन जिलों के पुलिसकर्मी एक दिन का वेतन देने में सहमति दे देते हैं, तो बड़ा सहयोग मिल जाएगा। सोमवार को कॉन्स्टेबल राजेश हिसार के एडीजीपी केके राव से भी मिलेगा ताकि हिसार रेंज के जिलों में भी लेटर जारी हो सके। इससे पहले आदमपुर के विधायक चंद्रप्रकाश भी सीएम नायब सैनी को वित्तीय सहायता के लिए लेटर लिख चुके हैं। दरअसल, हिसार के गांव जाखोद खेड़ा निवासी राजेश और फूड सप्लाई डिपार्टमेंट में कार्यरत क्लर्क किरण के 8 महीने का मासूम युवांश दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारी से जूझ रहा है। यह बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 यानि SMA है। जिसका इलाज करने के लिए 14.50 करोड़ रुपए का इंजेक्शन लगाया जाता है। यह इंजेक्शन स्विट्जरलैंड में जेनेवा से मिलता है। आम जन के भी बढ़े मदद के हाथ प्रदेश सरकार से भी राजेश ने मदद की गुहार लगाई हुई है। पुलिस के साथ-साथ फूड सप्लाई डिपार्टमेंट के कर्मचारी भी सहयोग कर रहे हैं। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर युवांश का जीवन बचाने के लिए फंड एकत्रित करने की मुहिम जोर पकड़ रही है। आम जन के भी मदद के हाथ बढ़ रहे हैं। शुक्रवार को भी काफी लोगों ने अपने सामर्थ्य के अनुसार बार कोड स्कैन करके पैसा जमा करवाया। राजेश के अनुसार, अब तक 38 लाख रुपए एकत्रित हुए हैं। जानिए.. किसलिए युवांश को चाहिए मदद CM से लेकर PM तक लगाई गुहार राजेश ने मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम नायब सैनी, एक्टर सलमान खान, टाटा फाउंडेशन को भी ट्वीट किया है। एक्टर सोनू सूद, ट्रांसपोर्ट मंत्री अनिल विज, सांसद नवीन जिंदल, उद्योगपति गौतम अडाणी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से भी मदद की गुहार लगाई है। इसके अलावा राजेश ने मांग की है कि यह जेनेटिक टेस्ट सरकार को अनिवार्य करना चाहिए, ताकि समय रहते पता चल जाए। बच्चा कंसीव होने के समय पता चल जाए तो इलाज आसान हो जाता है। सरकार को सरकारी स्तर पर भी इंजेक्शन फ्री लगवाने का प्रावधान करना चाहिए।
फतेहाबाद के कॉन्स्टेबल के बेटे को बचाने एकजुट हुई पुलिस:छह जिलों के पुलिसकर्मी एक-एक दिन का देंगे वेतन, ADGP-SP लिख चुके लेटर
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