फतेहाबाद में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए हड्डी रोग विशेषज्ञ मुश्ताक अहमद उर्फ डॉ. ताज मोहम्मद की सीजेएम कोर्ट में लगाई गई जमानत याचिका खारिज हो गई है। सीजेएम सुयशा जावा की कोर्ट ने जमानत खारिज कर दी। कोर्ट ने इसे सेशन कोर्ट का ट्रायल बताते हुए जमानत खारिज की है। इससे पहले आरोपी डॉ.ताज मोहम्मद को चार दिन का पुलिस रिमांड पूरा होने पर शनिवार 24 मई को दोबारा कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हिसार जेल भेजा हुआ है। आरोपी के वकील विनय शर्मा की ओर से सीजेएम कोर्ट में जमानत याचिका लगाई गई थी। मगर कोर्ट ने इसे सेशन कोर्ट का ट्रायल बताकर याचिका खारिज कर दी। चार दिन की रिमांड अवधि के दौरान पुलिस ने पंजाब के मलेरकोटला से डॉ. ताज मोहम्मद का पासपोर्ट बरामद किया। इस पासपोर्ट के जरिए उसकी ट्रैवल हिस्ट्री की जांच की गई। उसमें पता चला कि डॉक्टर 4 बार पाकिस्तान जा चुका है जबकि दो बार हज के लिए सउदी अरब भी गया है। साथ ही पुलिस को उसके फेसबुक के डेटा की रिकवरी भी करनी है। यह था मामला गौरतलब है कि पाकिस्तान का समर्थन और PM नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने पर हड्डी रोग विशेषज्ञ मुश्ताक अहमद उर्फ डॉ. ताज मोहम्मद के खिलाफ 14 मई को भाजपा के जिला उपाध्यक्ष जगदीश राय शर्मा, मंडल अध्यक्ष विकास शर्मा और मंडल उपाध्यक्ष परमजीत बेनीवाल की शिकायत पर शहर थाना पुलिस ने केस दर्ज किया था। पहले इस केस में देशद्रोह की धारा नहीं लगी थी। मगर बाद में मामला सीएम ऑफिस तक पहुंचने के बाद आरोपी डॉक्टर पर देशद्रोह की धारा भी लगाई गई। इसके बाद में उसे 20 मई मंगलवार को प्रोडक्शन वारंट पर लाकर फतेहाबाद कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे 4 दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंपा था। 1990 तक चार बार गया पाकिस्तान पुलिस के अनुसार, देशद्रोह का आरोपी मुश्ताक अहमद उर्फ डॉ. ताज मोहम्मद के दो ताऊ और एक बुआ पाकिस्तान के फैसलाबाद शहर में रहते हैं। वह 1984, 1985, 1986 और आखिरी बार 1990 में पाकिस्तान गया था। इसके बाद से उसकी पाकिस्तान यात्रा नहीं हुई है। वरिष्ठ एडवोकेट राकेश गर्ग व रमेश जोइया ने बताया कि इस मामले में सीजेएम सुयशा जावा की कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी है। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि यह सेशन ट्रायल है।
फतेहाबाद में देशद्रोह के आरोपी की जमानत याचिका खारिज:सीजेएम कोर्ट ने सेशन ट्रायल बताकर की खारिज, पीएम मोदी की आपत्तिजनक वीडियो डाली
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