फतेहाबाद में समाधान शिविर से लेकर सीएम विंडो तक पर शिकायतकर्ता समाधान के लिए चक्कर काट रहे हैं। शिकायतकर्ता को बिना बुलाए ही जांच निपटाई जा रही है। ऐसा ही मामला एक एडवोकेट के साथ भी हुआ है। एडवोकेट सुशील बिश्नोई ने अब सीएम नायब सैनी से अफसरशाही पर कार्रवाई करने की मांग की है। एडवोकेट सुशील बिश्नोई ने बताया कि उन्होंने 2023 में आरटीआई लगाकर फतेहाबाद ब्लॉक समिति के पास आए फंड और विकास कार्यों पर किए गए खर्च की जानकारी मांगी थी। 17 नवंबर 2023 को आरटीआई का जवाब मिला, लेकिन उसमें फंड का जिक्र तो किया गया, लेकिन कहां खर्च किया। इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं दी। इसके बाद उन्होंने डीसी कार्यालय में 9 जुलाई 2024 को शिकायत दी। जिसका कोई परिणाम नहीं निकला। सीएम विंडो लगाई तो जांच छोटे अधिकारी को सौंपी एडवोकेट सुशील ने बताया कि फिर उन्होंने सीएम विंडो में 6 मार्च 2025 को शिकायत लगाई। फिर उस शिकायत की जांच बीडीपीओ कार्यालय के एसईपीओ को सौंपी गई। बीडीपीओ की जांच करवाने का आग्रह किया था जबकि उससे छोटे अधिकारी एसईपीओ को जांच दी गई। समाधान शिविर में बिना बुलाए ही निपटा दी शिकायत फिर समाधान शिविर में 8 मई 2025 को शिकायत रखते हुए कहा कि जांच उच्चाधिकारी से करवाई जाए। समाधान शिविर में बताया गया कि जांच जिला परिषद के सीईओ करेंगे। बाद में उन्हें पता चला कि जिला परिषद सीईओ ने 14 मई 2025 को बयान लिखकर डीसी कार्यालय को भेज दी। कॉपी में लिखा कि शिकायत के संबंध में शिकायतकर्ता पंचायत विभाग से कोई जांच नहीं करवाना चाहता। वकील ने कहा कि हमें कभी नहीं बुलाया गया। बिना बुलाए, बिना सुने समाधान शिविर में उनकी शिकायत निपटा दी गई।
फतेहाबाद में बिना सूचना निपटा दी समाधान शिविर की शिकायत:एडवोकेटे बोले-अधिकारियों ने बना दिया मजाक; कार्रवाई करें सीएम
2