फरीदाबाद जिले महिला एवं बाल विकास विभाग ने “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” योजना के तहत सोमवार एक नई पहल ‘सहेली’ कार्यक्रम की शुरुआत की है। कार्यक्रम का उद्देश्य उन गर्भवती महिलाओं को सहयोग देना है, जिनकी पहली संतान बेटी है। ऐसी महिलाओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा वर्कर या एएनएम में से एक महिला को “सहेली” के रूप में साथ जोड़ा जाएगा। ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित यह “सहेली” गर्भवती महिला को पूरे गर्भकाल के दौरान स्वास्थ्य, पोषण, टीकाकरण और सुरक्षित प्रसव से जुड़ी सलाह और मदद देगी। योजना का उद्देश्य मातृ और शिशु स्वास्थ्य की देखभाल करना और बेटियों को लेकर समाज में सकारात्मक सोच पैदा करना है। इस कार्यक्रम को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर एक ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें जिला कार्यक्रम अधिकारी मीनाक्षी और डिप्टी सीएमओ डॉ. रचना ने भाग लिया। संस्थागत प्रसव के फायदे समझाए कार्यक्रम में आंगनवाड़ी सुपरवाइजर और कार्यकर्ताओं को सिखाया गया कि वे गर्भवती महिलाओं के लिए एक सच्चे दोस्त की तरह उनका साथ दें, उन्हें संतुलित आहार, नियमित जांच और संस्थागत प्रसव के फायदे समझाए। मिशन शक्ति की जिला संयोजक विकल ने बताया कि अगर किसी महिला की पहली संतान बेटी है, तो उसके साथ विशेष संवेदनशीलता से पेश आना चाहिए। साथ ही भ्रूण लिंग जांच जैसी गैर-कानूनी गतिविधियों से बचने और इसके खिलाफ जागरूकता फैलाने की भी जिम्मेदारी दी गई है। कार्यक्रम के तहत दिए अन्य निर्देश – कुपोषित बच्चों की निगरानी और घर-घर विजिट अनिवार्य। – आंगनवाड़ी केंद्रों पर समय से राशन वितरण सुनिश्चित। – गर्मी को देखते हुए केंद्रों पर जरूरी इंतजाम। – एनीमिया मुक्त भारत अभियान का पालन। – MTP किट की अवैध बिक्री पर रोक। – गर्भवती महिलाओं की नियमित गृह विजिट।
फरीदाबाद में ‘सहेली’ कार्यक्रम की शुरुआत:पहली बेटी वाली गर्भवती महिलाओं को मिलेगा सहयोग, सकारात्मक सोच पैदा करना उद्देश्य
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