फर्रुखनगर में खंड स्तरीय खेल स्पर्धाओं का समापन:500 से ज्यादा खिलाड़ियों ने दिखाया दम, अंडर-14 गर्ल्स में कृषिका अव्वल

by Carbonmedia
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फर्रुखनगर में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल जोनियावास में आयोजित खंड स्तरीय खेल महोत्सव का का गुरुवार को समापन हो गया। सात दिन तक चली इस प्रतियोगिता में खंड के सभी स्कूलों के एक हजार से ज्यादा खिलाड़ियों ने शिरकत की।
प्राचार्य डॉ. राजकुमार शर्मा ने बताया कि इस आयोजन में खंड के सभी राजकीय व निजी विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिताएं खेल भावना के साथ खेली गईं। पीटीआई नरेंद्र राठी के अनुसार प्रतियोगिता की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि सभी मुकाबले शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए। निर्णायक मंडल के फैसलों को सभी प्रतिभागियों और शिक्षकों ने सम्मानपूर्वक स्वीकार किया। कहीं भी कोई विवाद नहीं हुआ। अलग अलग स्पर्धाएं हुई
समापन दिवस पर विभिन्न वर्गों में 100, 200, 400, 600, 800, 1500 और 3000 मीटर की दौड़ और रिले रेस का आयोजन किया गया। अंडर-14 गर्ल्स 100 मीटर में खेतावास की कृषिका और अंडर-14 ब्वॉयज 100 मीटर में मुसेदपुर के गौरव ने जीत हासिल की। अंडर-17 गर्ल्स वर्ग में जमालपुर की पायल, पतली की सुगन, जुडौला की जस और शांति निकेतन फर्रूखनगर की सिमरन ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। अंडर-17 ब्वॉयज में राजाराम के ललित, कैम्ब्रिज स्कूल फर्रूखनगर के रोहन, सूरज स्कूल पटौदी के नमन और कैम्ब्रिज स्कूल के दक्ष ने अच्छा प्रदर्शन किया।
महक और उमंग अव्वल अंडर-19 गर्ल्स में सूरज स्कूल की महक और सुलतानपुर की उमंग ने जीत हासिल की। अंडर-19 ब्वॉयज में कैम्ब्रिज स्कूल फर्रुखनगर के दीपांशु, खंडेवला के निकेश, बास कुशला के सौरभ और पातली के शिवम् ने अच्छा प्रदर्शन किया। 400 मीटर में जुडौला की मानवी, खवासपुर के कपिल और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जोनियावास के दीपक ने जीत हासिल की। 600 मीटर में कारोला की तन्नू और मॉडल स्कूल जमालपुर के रचित ने बाजी मारी। 1500 मीटर गर्ल्स में शांति निकेतन की सिमरन और डीपीएस पटौदी की स्नेहा ने जीत हासिल की। 1500 मीटर ब्वॉयज में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जोनियावास के दीपक ने जीत हासिल की। विजेताओं को सम्मानित किया समापन अवसर पर विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। आयोजन को सफल बनाने में विद्यालय प्रबंधन, स्टाफ और स्थानीय अभिभावकों का विशेष सहयोग रहा। खेलों के माध्यम से बच्चों में अनुशासन, समर्पण और सहयोग की भावना को बढ़ावा मिला।

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