फाजिल्का का बेटा आज 11 वर्षों बाद लेफ्टिनेंट बनकर अपने घर पहुंचा। घर जाने से पहले उन्होंने गांव के खेल स्टेडियम को नतमस्तक किया गया l अरविंद कंबोज ने सजराना गांव पहुंचने पर कहा कि ये वह धरती है, खेल स्टेडियम है, जहां से उसने इस मुकाम को हासिल करने की शुरुआत की थी l अरविंद कंबोज ने बताया कि उसने जो लक्ष्य तय किया था उसे पूरा किया है l वह साल 2014 में भारतीय फौज में क्लेरिकल पोस्ट पर भर्ती हुआ था l इसके बाद एसीसी कमीशन के लिए उसने पहले ट्राई किया, जिसे फौज में सर्विस एंट्री होती है l तीन बार अटेम्ट करने के बाद उसे असफलता हाथ लगी l फिर उसने सर्विस कमीशन ऑफिसर के लिए ट्राई किया, जिसमें उसने क्लियर करके लेफ्टिनेंट का पद प्राप्त किया l अरविंद कंबोज ने कहा कि वह तीन बार असफल रहा और आज जिस मुकाम पर पहुंचा है यह सब कुछ उसके परिवार के प्रेरणा के चलते संभव हो पाया है l हालांकि इसके साथ ही उसे अपनी यूनिट और अधिकारियों के सहयोग के लिए भी उनका धन्यवाद किया l अरविंद ने कहा कि एक अच्छा परिवार हमेशा उत्साहित करता है l अरविंद के पिता राधा कृष्ण रिटायर्ड सूबेदार हैं l इसके साथ ही उसका चचेरा भाई कमल कंबोज जो फौज में अपनी ड्यूटी निभा रहा है l इतना ही नहीं अरविंद के परिवार में कुछ अन्य सदस्य फौज और पुलिस के साथ जुड़े हुए हैं l
फाजिल्का का बेटा 11 साल बाद लेफ्टिनेंट बनकर घर लौटा:तीन अटेम्ट के बाद मिली सफलता, खेल मैदान को किया नमन; बोले- यहीं से शुरू हुआ सफर
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