बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधा. बीजेपी ने आरोप लगाया कि जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ फारूक अब्दुल्ला पाकिस्तान की ISI के इशारों पर नाचते रहे हैं. पार्टी ने पहलगाम और घाटी में हिंदुओं को निशाना बनाकर किए गए आतंकवाद पर उनकी ‘चुप्पी’ पर सवाल भी किए.
उनके CM काल में घाटी से हिंदुओं को बेदखल किया गया- तरुण चुघ
जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास लाने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर की गई उनकी टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए बीजेपी के महासिचव तरुण चुघ ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला को याद रखना चाहिए कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल में घाटी से हिंदुओं को कैसे बेदखल किया गया था.
चुघ ने कहा कि फ़ारूक अब्दुल्ला हमेशा से ही पाकिस्तानी आईएसआई के इशारों पर नाचते रहे हैं. यही कारण है कि उन्होंने कभी भी उन हिंदू पर्यटकों का साथ नहीं दिया, जिन्हें पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने गोली मार दी थी.
अब्दुल्ला परिवार के सामने समस्या है- बीजेपी
बीजेपी नेता ने कहा कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने से पहले अब्दुल्ला परिवार के लिए यह एक बहुत ही ‘सुखद दौर’ था. अब जब जम्मू-कश्मीर शांति और विकास के एक नए युग का अनुभव कर रहा है, तो अब्दुल्ला परिवार के सामने एक समस्या है.
‘अब्दुल्ला परिवार के शासन के दौरान लोकतंत्र पूरी तरह से नष्ट’
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद ही जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की शुरुआत हुई, यहां तक कि इसके भीतरी इलाकों में भी. उन्होंने आगे कहा कि अब्दुल्ला परिवार के शासन के दौरान लोकतंत्र पूरी तरह से नष्ट हो गया था.
1990 की दुखद घटनाओं के दौरान अब्दुल्ला की ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि जब कश्मीरी पंडितों को एक क्रूर नरसंहार का सामना करना पड़ा और उन्हें अपने घरों से भागने के लिए मजबूर होना पड़ातो फारूक अब्दुल्ला उस समय लोकतंत्र के पक्ष में क्यों नहीं बोले? उन्होंने सवाल किया कि ऐसा कौन सा आपातकाल था जो एक पूरे समुदाय की पीड़ा को नज़रअंदाज़ करने को सही ठहरा सकता था?
चुनिंदा चिंता ने राजनीतिक एजेंडे को उजागर किया- चुघ
तरुण चुघ ने कहा कि इस तरह की चुनिंदा चिंता केवल एक राजनीतिक एजेंडे को उजागर करती है जिसका उद्देश्य लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने के बजाय लोगों को गुमराह करना है.
फारूक अब्दुल्ला पर भड़की BJP, ‘वो पाकिस्तान की ISI के इशारे पर नाचते रहे हैं’
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