फिजियोथेरेपी, रेडियोग्राफी, न्यूट्रिशनिस्ट जैसी सहायक मेडिकल सेवाओं के नियमन के लिए वैधानिक संस्थाओं के गठन पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. यह नोटिस इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट्स की याचिका पर जारी किया गया है. कोर्ट ने केंद्र सरकार, यूजीसी और एआईसीटीई (ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन) को जवाब दाखिल करने को कहा है.
NCAHP प्रावधानों को लागू करने की मांग
याचिका में नेशनल कमीशन फॉर अलाइड एंड हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स एक्ट, 2021 (NCAHP Act) के प्रावधानों को लागू करने की मांग की गई है. याचिकाकर्ता ने कहा है कि सहायक मेडिकल सेवाओं के नियमन की व्यवस्था न होने से हर जगह उनकी शिक्षा एक जैसी नहीं होती. सेवाओं की गुणवत्ता, रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस जैसे विषयों में भी समानता नहीं है.
सुनवाई के बाद मामले को विचार के लिए किया स्वीकारा
चीफ जस्टिस बी आर गवई और के विनोद चंद्रन की बेंच ने थोड़ी देर की सुनवाई के बाद मामले को विचार के लिए स्वीकार कर लिया. याचिका में राज्य स्तर पर अलाइड एंड हेल्थकेयर काउंसिल बनाने की मांग की गई है. NCAHP एक्ट की धारा 29 के मुताबिक, स्वायत्त बोर्ड बनाने और अलाइड हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स के रजिस्ट्रेशन और लाइसेंसिंग के लिए स्पष्ट व्यवस्था बनाने की भी मांग याचिकाकर्ता ने की है.
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फिजियोथेरेपी और रेडियोग्राफी जैसी सहायक मेडिकल सेवाओं के लिए वैधानिक संस्थाओं के गठन की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
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