फिरोजपुर में विधायक और पीए को मिली क्लीन चिट:सरपंच जश्नप्रीत आत्महत्या केस में नया मोड़, 5 लोगों पर केस दर्ज

by Carbonmedia
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फिरोजपुर के गुरुहरसहाय में तारीड्डा गांव के सरपंच जश्नप्रीत बावा की आत्महत्या मामले में नया मोड़ आया है। विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट के बाद हलका विधायक फौजा सिंह सरारी और उनके पीए बचित्र सिंह लाडी को क्लीन चिट मिल गई है। जश्नप्रीत के पिता और अन्य गवाहों के बयानों के आधार पर पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है। इस कार्रवाई से एक्शन कमेटी के नेताओं में रोष है। वे इसे विधायक के दबाव में की गई कार्रवाई बता रहे हैं। 31 मई को सरपंच जश्नप्रीत ने अपने घर में लाइसेंसी पिस्तौल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। अगले दिन जश्न के पिता तरसेम लाल ने पुलिस को बयान दिया कि उन्हें किसी पर शक नहीं है। इस पर पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 174 के तहत फाइल बंद कर दी थी। पिता ने विधायक और पीए को बताया था जिम्मेदार परिवार के कहने पर पोस्टमार्टम भी नहीं हुआ। लेकिन संस्कार के बाद 5 जून को तरसेम लाल ने एक और शिकायत दी। इसमें उन्होंने विधायक फौजा सिंह और उनके पीए को जश्नप्रीत की मौत का जिम्मेदार बताया। विधायक का नाम आने से मामला हाई-प्रोफाइल बन गया। आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता दीपक शर्मा ने विधायक के खिलाफ मोर्चा खोला। कई संगठनों ने एक्शन कमेटी बनाकर परिवार का साथ दिया। इस दबाव में पुलिस को एसआईटी बनानी पड़ी। SIT जांच में नया खुलासा
SIT की जांच में हैरान करने वाले तथ्य सामने आए हैं। FIR के मुताबिक, तरसेम लाल ने SIT के सामने बयान दिया कि उन्होंने विधायक और उनके पीए के खिलाफ दिए बयान कुछ लोगों द्वारा भड़काने के कारण दिए थे। उन्होंने कहा कि उस समय वह सदमे में थे और उनकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी। पत्नी सहित सात अन्य लोगों के बयान किए यहां तक कि जश्नप्रीत को सरपंच बनाने के लिए विधायक और उनके पीए द्वारा कथित तौर पर लिए गए दस लाख रुपए के आरोपों से भी तरसेम लाल SIT के सामने मुकर गए और इन दोनों को बेकसूर बताया। SIT ने तरसेम लाल की पत्नी सहित सात अन्य लोगों के बयान भी दर्ज किए हैं। पांच लोगों पर FIR अब जिन पांच आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनमें सोना सिंह, कुलदीप सिंह, हरदीप सिंह और सुखविंदर सिंह (सभी गांव तारीड्डा) सहित एस.के.सी. कॉलोनी गुरुहरसहाय का रहने वाला करणबीर सिंह ढिल्लों शामिल हैं। तरसेम लाल का कहना है कि ये लोग उसे सरपंच पद से हटाकर खुद सरपंच पद लेने की योजनाएं बना रहे थे, जिससे परेशान होकर जश्नप्रीत ने आत्महत्या कर ली। अभी तक इनमें से किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

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