इजरायल और फिलिस्तीन के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव के समाधान को लेकर संयुक्त राष्ट्र में उच्च स्तरीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ, जिसमें दुनिया के कई देशों ने हिस्सा लिया. इसमें भारत ने भी सभी देशों के सामने अपनी राय रखी और दोनों देशों के विवाद को सुलझाने के लिए ‘टू स्टेट सॉल्यूशन’ पर अपने समर्थन की बात कही.
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि दुनिया को अब ‘उद्देश्यपूर्ण वार्ता और कूटनीति’ के जरिए इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष के समाधान के लिए ‘टू स्टेट सॉल्यूशन’ पर फोकस करना चाहिए. भारत ने यह भी कहा कि किसी को कागजी समाधान से संतुष्ट नहीं होना चाहिए, बल्कि व्यावहारिक समाधान निकालने का प्रयास करना चाहिए.
टू स्टेट सॉल्यूशन’ के अलावा कोई विकल्प नहीं
भारतीय राजजूत पी. हरीश ने कहा, ‘फिलिस्तीन के प्रश्न का टू स्टेट सॉल्यूशन के अलावा कोई और विकल्प नहीं है. उन्होंने कहा कि यह कॉन्फ्रेंस दोनों देशों के बीच शांति समाधान की दिशा में अब तक तय किए गए प्रयास पर विचार करने का अवसर देती है.
पी. हरीश ने कहा, ‘हमें अब यह प्रयास करना चाहिए कि उद्देश्यपूर्ण संवाद और कूटनीति के जरिए इजरायल और फिलिस्तीन के बीच शांति स्थापना कैसे किया जा सकता है और दोनों देशों को बातचीत के लिए एक साथ कैसे लाया जा सकता है.
गाजा में युद्ध होना चाहिए समाप्त: भारत
उन्होंने कहा, ‘दोनों देशों के बीच समाधान की पुष्टि ऐसे कदमों के रूप में होनी चाहिए, जो ‘टू स्टेट सॉल्यूशन’ की कोशिश को आसान बना सके. इसके साथ ही भारतीय राजदूत ने जोर देकर कहा कि गाजा में अब युद्ध खत्म होना चाहिए और हमाश को भी सभी बंधकों को रिहा कर देना चाहिए.’
व्यावहारिक समाधान पर भारत का पूरा समर्थन
भारत के राजदूत पी. हरीश ने कहा कि कागजी समाधानों से संतुष्ट ना होकर हमें व्यावहारिक समाधान खोजने का प्रयास करना चाहिए, जो फिलिस्तीन के लोगों के जीवन में असल बदलाव ला सके. उन्होंने इस प्रयास में योगदान देने के लिए भी भारत का पूरा समर्थन जताया.
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