उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से फिल्म गब्बर इज बैक की तरह अस्पतालों की लूट-खसोट का मामला प्रकाश में आया है. यहां के एक अस्पताल पर 3 दिन तक मृत व्यक्ति का इलाज करने और इस दौरान लाखों रुपए वसूलने का सनसनीखेज आरोप लगा है. इतना ही नहीं परिजनों के हंगामे के बाद अब अस्पताल प्रशासन मृतक के परिजनों को मुंह बंद करने के लिए लाखों रुपए रिश्वत की भी पेशकश की है.
मृतक के परिजनों का कहना है कि जब डॉक्टर की गलती नहीं है तो हमें पैसे क्यों दे रहा है, हमें पैसा नहीं कार्रवाई चाहिए क्योंकि जमीन बेचकर डॉक्टर को 3 लाख रुपये दिए थे. सीएमओ आलोक वर्मा का कहना है कि तीन विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम बनाई गई है जो जांच करेगी. जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
पीलीभीत न्यूरो सर्जिकल अस्पताल का मामलादरअसल गांव चाट फिरोजपुर निवासी विष्णु 5 दिन पहले गौवंश से टकराकर घायल हो गया. परिवार वाले डॉक्टर चरित्र वोरा के “पीलीभीत न्यूरो सर्जिकल अस्पताल” लेकर आए. जहां लगभग 3 लाख रुपये डॉक्टर ने ले लिए जिसमें एक लाख रुपये ऑपरेशन के भी लिए थे लेकिन ऑपरेशन ही नहीं किया.
मृतक विष्णु की बहन ने बताया कि डॉक्टर ने शुरू के 2 दिन तो मरीज से मिलने दिया लेकिन पिछले तीन दिन से मिलने नहीं दे रहे थे. जब जबरदस्ती परिजनों ने मंगलवार को मिलने की कोशिश की तो पता चला कि विष्णु की मौत तो पहले ही हो चुकी थी. परिजनों ने डॉक्टर चरित्र बोरा पर ठगी करके जालसाजी करने का आरोप लगाया है.
अस्पताल प्रबंधन पर पैसे देकर मामले को दबाने की कोशिश का आरोपपरिजनों ने थाना सुनगढ़ी व स्वास्थ्य विभाग से कार्रवाई की मांग की है. उधर परिजनों का यह भी आरोप है कि बात को दबाने के लिए डॉक्टर चरित्र बोरा उन्हें लाखों रुपये की रिश्वत दे रहा है. फिलहाल स्वास्थ्य विभाग इस मामले में जांच कर रहा है. गौरतलब है कि इससे पहले भी पीलीभीत में अस्पतालों पर मृत व्यक्ति के इलाज करने के आरोप लग चुके हैं.
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फिल्म ‘गब्बर’ की तरह तीन दिन तक किया मृत व्यक्ति इलाज! पीलीभीत में चौंकाने वाला मामला
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