फूड एंड सिविल सप्लाई विभाग की कारगुजारी फिर सवालों के घेरे में

by Carbonmedia
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ईकेवाईसी करवाने के सिर्फ एक दिन का ही समय बचा है, अगर नहीं करवाई तो 396307 लोगों के नाम नीले कार्ड से कट जाएंगे। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत आने वाली सरकारी गेहूं का अगले 3 महीनों का कोटा इन लोगों को नहीं मिलेगा। सरकार की ओर से इसके लिए 30 जून लास्ट डेट रखी थी और इस बार तारीख बढ़ने की भी कोई उम्मीद नहीं है। सरकार की तरफ से इससे पहले कई बार इसकी तारीखे भी बढ़ाई गई थी। विभाग की ओर से नीले कार्डधारकों की ईकेवाईसी करने का काम शुरू से ही बड़ी धीमी रफ्तार में चलता रहा है। इसमें न तो विभाग के जिला कंट्रोलर ने कोई रुचि दिखाई और न ही अन्य किसी अधिकारी ने इस पर कोई गौर किया। यहीं कारण है कि अभी तक जिला 73.43% ही ईकेवाईसी कर सका है। बता दें कि जिले में 3,66,422 नीले कार्ड धारक है। इसमें करीब 1468189 बैनिफिशयरी शामिल हैं। यानि विभाग 1468189 धारकों में से 1071882 की ईकेवाईसी कर चुका है और 396307 धारकों की ईकेवाईसी अभी पेंडिंग है और जिला ईकेवाईसी करने में पूरे पंजाब में 24 नंबर पर अपना स्थान अभी तक कायम किए हुए है। एडवोकेट पीसी शर्मा का कहना है कि पंजाब सरकार के उक्त विभाग में कई भ्रष्ट अधिकारी अभी भी सरकारी गेहूं पर अपनी नजर रखते है। कई घोटाले सामने आने के बावजूद गेहूं घोटालों के मामले थमते नहीं है। लोगों के गेहूं को ब्लैक में बेचने का सिलसिला गोदामों में ही शुरु हो जाता है। गोदामों में गेहूं की बोरियों में पूरा गेहूं भेजा जाता है, लेकिन उसमें विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के कारण उनमें बंबू मारा जाता है। इस बार भी यहीं कुछ हो रहा है, लेकिन इन्हें कोई रोकने वाला ही नहीं है। विभाग के अधिकारी तो चुप रहते ही है, जिला प्रशासन भी गंभीरता नहीं दिखाता। विक्की कुमार | अमृतसर फूड एंड सिविल सप्लाई विभाग की कारगुजारी हमेशा से ही सवालों के घेरे में रही है। आए दिन विभाग में भ्रष्टाचार से संबंधित मामले उजागर होते हैं। विभाग की ओर से इस बार की गेहूं बांटना भी सवालों के घेरे में है। इस बार विभाग की ओर से नीले कार्डों की ईकेवाईसी 73.43 प्रतिशत की गई, जबकि 82 प्रतिशत गेहूं भी बांट दी है। बताना जरुरी है कि विभाग की ओर से रोजाना ही जहां ईकेवाईसी किए जाने की एक रिपोर्ट जारी की जाती है, वहीं गेहूं बांटने की रिपोर्ट भी रोजाना जारी की जाती है। विभाग की ओर से शनिवार को जारी की गई रिपोर्ट में ही 82 प्रतिशत गेहूं बांटने का दावा किया गया है। दैनिक भास्कर समय-समय पर विभाग की कारगुजारी पर सवाल खड़े करता रहा है। विभाग की ओर से लोगों के सरकारी गेहूं की पर्चियां पहले काटे जाने का मुद्दा भी उठाया गया था, यहीं कारण है कि गेहूं कागजों में 82 प्रतिशत बांटा जा चुका है। विभाग ने 366422 धारकों में से 300550 को गेहूं बांटा है। वहीं सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर फूड एंड सिविल सप्लाई विभाग नीले कार्ड धारकों की ईकेवाईसी का काम कर रहा है जिसमें एक दिन बाकी बचा है।

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