हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रभोध सक्सेना ने शुक्रवार (1 अगस्त) को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Public Distribution System) में फेस ऑथेंटिकेशन सुविधा का शुभारंभ किया. इस मौके पर उन्होंने राज्य में 100 प्रतिशत आधार कवरेज सुनिश्चित करने पर जोर दिया. इसका लक्ष्य है की इस प्रणाली में पारदर्शिता आए.
उन्होंने सभी विभागीय प्रमुखों और यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) के अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें राज्य की आधार से जुड़ी प्रगति पर चर्चा की गई.
आधार कवरेज में हिमाचल की उपलब्धि
हिमाचल प्रदेश देश में 5 साल से कम उम्र के बच्चों के आधार जनरेशन में सबसे आगे है. जहां राष्ट्रीय औसत 39 प्रतिशत है, वहीं हिमाचल में यह आंकड़ा 56 प्रतिशत तक पहुंच चुका है. पिछले 3 महीनों में अनिवार्य बॉयोमेट्रिक अपडेट के लंबित मामलों की संख्या 5.5 लाख से घटकर 4.75 लाख हो गई है.
स्कूलों और टीकाकरण केंद्रों पर हो रहा विस्तार
मुख्य सचिव ने डिजिटल तकनीक और शासन विभाग को निर्देश दिया कि वे शिक्षा विभाग के सहयोग से निजी स्कूलों को भी बॉयोमेट्रिक अपडेट के अभियान में शामिल करें. इसके साथ ही, उन्होंने स्कूलों में अभिभावकों के लिए जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश भी दिया, ताकि 5 और 15 साल की उम्र में होने वाले अनिवार्य बॉयोमेट्रिक अपडेट पूरे हो सकें.
5 साल तक के बच्चों को आधार से जोड़ने का लक्ष्य
टीकाकरण केंद्रों पर आधार किट लगाने के निर्देश दिए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग, डिजिटल तकनीक एवं शासन विभाग और इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (IPPB) मिलकर इस आयु वर्ग के बच्चों का आधार नामांकन सुनिश्चित करेंगे. लक्ष्य है कि 5 साल तक की उम्र के सभी बच्चों को पूर्ण रूप से आधार से जोड़ा जाए.
आधार आधारित सेवाओं का डिजिटलीकरण होगा अनिवार्य
मुख्य सचिव सक्सेना ने राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सभी सेवाओं में आधार आधारित प्रमाणीकरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. साथ ही यह भी कहा कि जिन दस्तावेजों को राज्य सरकार जारी करती है, उनका भी पूर्ण डिजिटलीकरण किया जाए, जिससे पारदर्शिता और सुविधा दोनों बढ़ें.
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