सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (4 अगस्त, 2025) को मणिपुर सरकार से सवाल किया कि उसके निर्देशों के बावजूद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की जातीय हिंसा में भूमिका का आरोप लगाने वाली ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता पर नई फॉरेंसिक रिपोर्ट पेश क्यों नहीं की गई. न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने पिछले आदेश का हवाला देते हुए राज्य से पूछा, ‘‘फोरेंसिक रिपोर्ट का क्या हुआ? कम से कम वो तो आनी चाहिए थी. ये आदेश मई 2025 में दिया गया था. तीन महीने बीत चुके हैं. अब तक तो फोरेंसिक प्रयोगशाला ने आपको रिपोर्ट दे दी होगी. कम से कम यह तो बता दीजिए कि रिपोर्ट आ गई है या अभी प्रतीक्षा है.’’
मणिपुर के वकील ने कोर्ट से कहा, ‘अब तक नहीं आई रिपोर्ट’
जब मणिपुर की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि एफएसएल रिपोर्ट नहीं आई है, तो पीठ ने आगे पूछा, ‘‘आवाज के विश्लेषण पर एक निश्चित रिपोर्ट देने में एफएसएल को कितना समय लगता है? हम इसे छोड़ देंगे. यह अंतहीन नहीं चल सकता है.’’
पूर्वी CJI संजीव खन्ना ने दिए थे नई रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश
पूर्व प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने पांच मई को मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री की भूमिका का आरोप लगाने वाली लीक हुई ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता पर एक फोरेंसिक रिपोर्ट की जांच की और राज्य सरकार से जांच पर एक नई रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था.
इसमें सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की ओर से प्रस्तुत केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (CFSL) की सीलबंद रिपोर्ट खोली और उनसे जांच के संबंध में राज्य के अधिकारियों से निर्देश प्राप्त करने को कहा.
सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट में दी दलील
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘‘इस मामले में एफएसएल रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है. इसकी जांच के लिए हमें एक महीने का समय चाहिए.’’ मेहता ने कहा कि मणिपुर उच्च न्यायालय इस मामले की सुनवाई कर सकता है क्योंकि अब शांति कायम है और जांच जारी रह सकती है.
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‘फॉरेंसिक रिपोर्ट कहां है’, मणिपुर के पूर्व CM बीरेन सिंह के कथित ऑडियो क्लिप की जांच पर बोला सुप्रीम कोर्ट
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