Bakra Eid 2025 Eid al-Adha: बकरीद के मौके पर कई जगह पर कुर्बानी को लेकर बहस छिड़ जाती है. कई लोगों का मानना है कि बकरीद के मौके पर कुर्बानी के जरिए क्रूरता की जाती है, ऐसा नहीं होना चाहिए. इस मामले पर मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सैयद सैफ अब्बास नकवी ने प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि एक दिन पशु कट रहा है तो बहुत लोगों को दिक्कत हो रही है, लेकिन साल भर यही होता है तो कोई आवाज नहीं उठाता है.
मौलाना सैफ अब्बास ने कहा, ”जिस तरह से आवाजें उठ रही हैं, वह अफसोसनाक और निंदनीय हैं. देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री सक्षम हैं, उन्हें ऐसे बयानों पर रोक लगानी चाहिए. ये लोग देश का माहौल खराब करने के लिए इस तरह की आवाज उठाते हैं. हम किसी के त्योहार पर आपत्ति नहीं जताते हैं, लेकिन जब कोई हमारा त्योहार होता है, बकरीद हो या रमजान, इस तरह के बयान सामने आते हैं. मुझे लगता है कि वे समाज को तोड़ने के लिए ऐसा करते हैं. एक दिन पशु कट जाए तो बड़ी बेचैनी होती है, 364 दिन कट जाए, तब तकलीफ नहीं होती. अगर 364 दिन इन्हें देखा जाए तो इनके अंदर कीटाणु निकलेंगे, ये सभी मांसाहारी निकलेंगे”
पहलगाम हमले के दौरान की गई थी माहौल बिगाड़ने की कोशिश – मौलाना सैफ अब्बास
उन्होंने कहा, ”पशु क्रूरता एक ही दिन दिखती है. जब पशु बलि मंदिर में दी जाती है तब इन्हें नहीं दिखता है. पहलगाम हमले के दौरान बड़ी कोशिश की गई, कुछ लोगों ने कहा कि नाम पूछकर मारा गया, लेकिन जनता ने आपसी भाईचारे के जरिए जवाब दिया. अब ये बकरीद पर सवाल उठा रहे हैं.”
कुर्बानी के लिए दिल्ली पहुंचे दो खास बकरे
हर साल ईद-उल-अज़हा के मौके पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कुर्बानी के लिए अनगिनत पशु लाए जाते हैं, लेकिन इस बार दो खास बकरे लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हैं. बकरों के मालिकों के मुताबिक इनकी खासियत यह है कि इनके शरीर पर प्राकृतिक रूप से अरबी भाषा में ‘अल्लाह’ और ‘मोहम्मद’ लिखा हुआ है.