Bagaha River Water Level Increased: बगहा में मानसून की पहली बरसात में ही पहाड़ी भपसा नदी में अचानक उफान आ गया. नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण बाढ़ जैसे हालात बन गए. लिहाजा कई वाहन सवार लोगों कों काफी देर रुकने के बाद बमुश्किल नदी पार करना पड़ा. दरअसल नेपाल के तराई क्षेत्र में हुईं बारिश के बाद एकाएक नदी का जलस्तर बढ़ गया. लिहाजा पहाड़ी नदी की तेज धार में कई बाइक सवार फंस गए, जिन्हें ग्रामीणों के सहयोग से बाहर निकाला गया.
पहली ही बरसात में बाढ़ जैसी स्थिति
इस जलजमाव में कई लोगों ने हाथों और कंधों पर बाइक को उठाकर नदी की तेज धार से बाहर निकाला. बताया जा रहा है कि मानसून की सुगबुगाहट के बीच पहली बरसात में दुर्गम मार्ग पर सफर करना जानलेवा साबित हो रहा है, क्योंकि रामनगर या हरनाटांड से जोड़ने वाले इन दोनों मार्ग में से किसी मार्ग में न तो अब तक पक्की सड़क बन सकी है और ना हीं पहाड़ी नदियों पर कहीं भी कोई पुल बने हैं.
यही कारण है कि बरसात के दिनों में बाढ़ और जलभराव के चलते साल के चार महिनों तक थारू आदिवासी समुदाय के लोगों को जल कैदी बनकर जीवन बसर करना होता है. यह सिलसिला सैकड़ों वर्षों से आजादी पूर्व से ही चला आ रहा है, हालांकि हाल के दिनों में दुर्गम इलाकों में संचार सेवाओं में मोबाइल के टावर जरूर लगें हैं, लेकिन बिजली और पक्की सड़क समेत पुल का अभी भी घोर अभाव है.
यात्रा के दौरान ग्रामीण की जान जोखिम में
बता दें की रामनगर प्रखंड अंतर्गत दोन का बड़ा इलाका मुख्यतः नौरागिया और बनकटवा इन दो पंचायतों के तकरीबन 20 गावों कों मिलाकर पहाड़, नदी और जंगल के बीच करीब 1500 मीटर ऊंचाई पर बसा हुआ दुर्गम क्षेत्र है. जहां बगहा के हरनाटांड से दोन को जोड़ने वाले रास्ते का अभी से बुरा हाल हो गया है. तभी तो इन 22 पहाड़ी नदियों को पार कर हजारों ग्रामीण और सैकड़ों यात्री हर रोज जान जोखिम में डालकर दोन से रामनगर व हरनाटांड समेत बगहा पहुंचते हैं और वापस लौटते हैं.
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बगहा में पानी की तेज धार में फंस गया बाइक सवार, बरसात में दुर्गम मार्ग पर सफर करना हुआ जानलेवा
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