बच्चेदानी में गांठ होने पर शरीर देता है ये 5 संकेत, 99 फीसदी महिलाएं करती हैं नजरअंदाज

by Carbonmedia
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Early Signs of Uterus Lump: एक महिला पिछले कई महीनों से कमरदर्द और थकान जैसी समस्याओं से जूझ रही थी. उसने सोचा ये तो काम के बोझ और उम्र के कारण हो रहा है. लेकिन जब पेट में भारीपन और पीरियड्स के दौरान अत्यधिक ब्लीडिंग होने लगी, तब उसने डॉक्टर से सलाह ली. जांच में सामने आया कि उसकी बच्चेदानी में गांठ है. ऐसी लाखों महिलाएं हैं जो शरीर द्वारा दिए जा रहे संकेतों को नजरअंदाज कर देती हैं और बीमारियों को आम थकान या हार्मोनल बदलाव मानकर टालती रहती हैं. बच्चेदानी में गांठ यानी यूटेराइन फाइब्रॉइड एक गंभीर समस्या है, इसलिए समय रहते इसकी पहचान करना जरूरी है. 


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शरीर में होने वाले 5 संकेत पर ध्यान देना जरूरी है


अत्यधिक और अनियमित माहवारी


अगर पीरियड्स लंबे समय तक चलें, बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो या बार-बार माहवारी का समय बिगड़ जाए, तो यह संकेत हो सकता है कि यूटेरस में कुछ असामान्य हो रही है. 


पेट में भारीपन या सूजन


अगर निचले पेट में हमेशा भारीपन महसूस हो, सूजन दिखे या कपड़े अचानक टाइट लगने लगें, तो यह भी गांठ का संकेत हो सकता है. 


बार-बार पेशाब लगना


गांठ का आकार बड़ा होने पर यह ब्लैडर पर दबाव बना सकती है, जिससे बार-बार पेशाब जाने की इच्छा होती है, यहां तक कि नींद में उठकर भी जाना पड़ सकता है. 


कमर या पेल्विक एरिया में दर्द


लगातार कमर में दर्द या पेल्विक हिस्से में दबाव महसूस होना, खासकर अगर कोई और कारण समझ न आ रहा हो तो इसे नजरअंदाज न करें. 


प्रजनन से जुड़ी समस्याएं


गांठ होने पर कई बार गर्भधारण में कठिनाई हो सकती है या बार-बार गर्भपात जैसी समस्या हो सकती है. ये संकेत महिला की प्रजनन प्रणाली में असंतुलन का सूचक हो सकते हैं. 


गांठ होने पर क्या करें? 


नियमित रूप से गायनोकोलॉजिस्ट से जांच करवाएं


अल्ट्रासाउंड से समय-समय पर यूटेरस की स्थिति जानें


अगर कोई लक्षण दिखें, तो डॉक्टर से सलाह लेने में देर न करें


खान-पान और लाइफस्टाइल को संतुलित रखें


बच्चेदानी में गांठ कोई जानलेवा बीमारी नहीं है, लेकिन समय पर पहचान और सही इलाज से इसे पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है. शरीर जब संकेत दे रहा हो, तो उसे नजरअंदाज नहीं, बल्कि समझने और सुनने की जरूरत होती है. 


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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 

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