कई बार माता-पिता और बच्चों के बीच न चाहते हुए भी दूरी बन जाती है. पैरेंट्स इस दूरी को नहीं समझ पाते, लेकिन बच्चों पर इसका गहरा असर पड़ता. बच्चा मन की बात पैरेंट्स से शेयर नहीं करता. ये कई कारणों से हो सकता है जैसे पैरेंट्स की व्यस्त लाइफ, भावनात्मक जुड़ाव में कमी आदि. ऐसे में जरूरी है कि बच्चे को समय देने के साथ उनसे रोज कुछ सवाल पूछें. इससे बच्चे की डेली एक्टिविटीज के साथ उनके मन की बात भी आसानी से पता लग सकेगी. आइए जानते हैं ऐसे पांच सवाल जो आपको परफेक्ट पैरेंट्स बनने में मदद कर सकते हैं…
आज किस तरह की चुनाैतियों का सामना करना पड़ा?
बच्चे भी रोज किसी न किसी तरह की चुनाैतियों से गुजरते हैं. ये चुनाैतियां स्कूल लाइफ में हो सकती हैं या फिर दोस्तों के बीच किसी बात को लेकर. अक्सर पैरेंट्स बच्चों की परेशानियों को मामूली बात समझकर नजरअंदाज कर देते हैं. ऐसा करने से बच्चा परेशानी से जूझता रहता है. जरूरी है कि पैरेंट्स बच्चे को प्राॅपर समय दें. उससे रोज बात करने के दाैरान पूछें कि उसे आज क्या उसे परेशानी हुई. स्कूल में किस तरह की चुनाैतियों का सामना करना पड़ा. दोस्तों के बीच बातचीत कैसी रही. इससे न सिर्फ बच्चे की परेशानियों का आसानी से पता लग सकेगा, बल्कि पैरेंट्स समस्या का समाधान करने की स्थिति में भी होंगे.
किस बारे में अधिक सोचते हो?
बच्चे से बात करने के दाैरान पैरेंट्स को पूछना चाहिए कि वह किन बातों के बारे में सोचता है. ये बातें अच्छी और बुरी दोनों तरह की हो सकती हैं. इससे पैरेंट्स को बच्चे की प्राॅब्लम का पता लगाने में आसानी होगी.
बच्चे को खुशी कैसे मिलती है?
अपने बच्चे की खुशी को समझना बहुत जरूरी है. इसके लिए पैरेंट्स को ये जानना होगा कि वो काैन सी चीजें हैं जिससे बच्चा खुशी महसूस करता है. ऐसा करने से न सिर्फ पैरेंट्स और बच्चों के बीच भावनात्मक जुड़ाव मजबूत करने में मदद मिलती है, बल्कि बच्चा खुलकर अपने मन की बात भी रख सकेगा.
आज क्या नया सीखा?
बच्चे अपना दिन पढ़ाई करने में या फिर नई चीजों की खोज करने में बिताते हैं. ऐसे में बच्चे से यह सवाल करना चाहिए कि आज उन्होंने क्या इंटरेस्टिंग सीखा या फिर उन्होंने कुछ ऐसा देखा जो कि सामान्य न हो. इससे बच्चा अपने पैरेंट्स से दिन के अनुभव शेयर करता है. अच्छी चीजों के लिए आप बच्चे को प्रोत्साहित भी कर सकते हैं.
गैजेट्स का क्यों करते हो अधिक यूज?
बड़ों से लेकर बच्चे तक इस समय गैजेट्स से घिरे हुए हैं. ऐसे में जरूरी है बच्चों की स्क्रीन टाइम पर भी ध्यान दें. ऐसा न हो कि वह गैजेट्स के अधिक इस्तेमाल से वर्चुअल दुनिया को ही सबकुछ मान लें. पैरेंट्स के साथ फीलिंग शेयर करने से अधिक आसान उन्हें सोशल मीडिया पर अपनी बात पोस्ट करना लगे. बच्चे से पूछें कि वह गैजेट्स का क्यों अधिक यूज कर रहे हैं? इससे उसका समाधान खोजने में मदद मिलेगी.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.