बच्चों की सुरक्षा के लिए ‘जीवनज्योत 2.0’ शुरू, डीएनए से पहचान होगी

by Carbonmedia
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लुधियाना| पंजाब सरकार के नेतृत्व में पंजाब राज्य बाल अधिकार आयोग ने बच्चों के संरक्षण और अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए ‘प्रोजेक्ट जीवनज्योत 2.0’ की शुरुआत की है। आयोग की उपाध्यक्ष गुंजीत रूचि बावा ने बताया कि इस योजना के तहत सभी जिलों में जिला स्तरीय टास्क फोर्स गठित की जाएगी। इनकी अध्यक्षता संबंधित डिप्टी कमिश्नर करेंगे। टास्क फोर्स में पुलिस आयुक्त या एसपी, सिविल सर्जन, जिला शिक्षा अधिकारी और जिला श्रम अधिकारी शामिल होंगे। यह टास्क फोर्स आयोग की निगरानी में काम करेगी। बावा ने बताया कि सभी जिलों को विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी गई है। इसके तहत एक अहम प्रावधान यह है कि वयस्कों के साथ भीख मांगते पाए गए बच्चों की डीएनए जांच कराई जाएगी ताकि उनके जैविक माता-पिता की पहचान हो सके। इसका उद्देश्य बाल तस्करी और शोषण के मामलों को समय रहते रोकना है। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा सामूहिक जिम्मेदारी है। इसके लिए सरकारी अधिकारी, पुलिस, शिक्षक, स्वास्थ्य सेवाएं और नागरिक संगठन मिलकर काम करेंगे। आयोग ने राज्य के हर बच्चे के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक भविष्य की प्रतिबद्धता जताई है और सभी जिलों से तत्काल कार्रवाई का आह्वान किया है।

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