बच्चों के हाथ में बाइक नहीं साइकिल की चाबी थमाएं, इससे वे पर्यावरण को बचाने के साथ खुद भी फिट रहेंगे

by Carbonmedia
()

भास्कर न्यूज | जालंधर हर साल तीन जून को विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को साइकिल चलाने के लिए प्रेरित करना है। जालंधर में पिछले 10 सालों से साइक्लिंग का ट्रेंड लगातार बढ़ता जा रहा है। यहां करीब 20 मेन्स और वुमेन के साइक्लिंग क्लब हैं, जो ग्रुप साइक्लिंग के साथ ईवेंट भी करवाते हैं, ताकि लोगों को साइक्लिंग के प्रति जागरूक किया जा सके। फिट रखने के उद्देश्य से साइक्लिंग शुरू करने वाले जालंधर के दर्जनों साइक्लिस्ट सुपर रेंडेन्योर बन चुके हैं। यह साइक्लिंग में अचीवमेंट है, जिसके लिए 200, 300, 400, और 600 किलोमीटर की दूरी को तय समय में पूरा करना होता है। हॉक राइडर क्लब की तरफ से विश्व साइकिल दिवस के मौके पर शनिवार को 210 किलोमीटर साइकल राइड करवाई गई। इसमें 50 लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाई जिसमें जालंधर, होशियारपुर, फगवाड़ा, चंडीगढ़, दसूहा सहित अन्य एरिया के 43 साइक्लिस्टों ने हिस्सा लिया। शनिवार शाम 6 बजे राइड शुरू करते हुए जालंधर से टांडा, होशियारपुर होते हुए माता चिंतपूर्णी और वहां से भोगपुर से सीधे जालंधर रविवार को राइड संपन्न हुई। रोहित शर्मा ने बताया कि आज इस दिन को सेलिब्रेट करने के लिए स्काई लार्क चौक से सीटी इंस्ट्टीयूट तक करीब 12 किलोमीटर की राइड की जाएगी। जालंधर के सबसे बुजुर्ग साइक्लिस्ट 79 वर्षीय बलजीत महाजन हैं, जो आईडीएम स्पोर्ट्स के एमडी हैं। शहर में उन्होंने सबसे पहले साल 2012 में साइक्लिंग की शुरुआत की थी। बताते हैं कि साइक्लिंग के लिए स्ट्रावा एप पर खुद को 2016 से रजिस्टर्ड किया है। तब से लेकर अब तक 9 बार अॉल कैटेगरी के नंबर वन राइडर रह चुके हैं। अब तक दो लाख 30 हजार किलोमीटर साइकल चला चुके हैं। बलजीत महाजन ने कहा कि साइक्लिंग से उपर कोई एक्ससाईज नहीं। स्विमिंग बेहतरीन खेल है लेकिन सभी के पहुंच में स्विमिंग पूल नहीं है और वहां का इन्फ्रास्ट्रक्चर भी बेहतर नहीं है और गर्मियों के अलावा सर्दियों में अॉल वेदर पूल नहीं है। 70 वर्षीय डॉ. जसपाल सिंह मठारू अपना क्लीनिक भी चलाते हैं। बताते हैं कि पहले फुटबाल और हॉकी खेलते रहे हैं और साल 2014 से साइक्लिंग शुरू की। उन्होंने कहा कि वह अपने मरीजों को भी साइक्लिंग की सलाह देते हैं, क्योंकि साइक्लिंग से बड़ा कोई योग नहीं है। इससे व्यक्ति पूरी तरह से फिट और तंदरूस्त रहता है। रोजाना सुबह 5 बजे साइकिल पर निकलते हैं और 50 किलोमीटर सफर तय कर दो घंटे बाद घर लौटते हैं, इसके बाद पूरा दिन बेहतर निकलता है। सर्दी, गर्मी और बारिश की परवाह किए बिना यह रोजाना की रुटीन है। वह दो बार सुपर रेंडेन्योर पूरी कर चुके हैं।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment