पंजाब के बठिंडा शहर में एक सरकारी स्कूल की प्री-प्राइमरी कक्षा में पुलिसकर्मियों के छह घंटे तक बैठे रहने की घटना से नया विवाद खड़ा हो गया है। पुलिस ने यह कार्रवाई सहायक अध्यापक वीरपाल कौर सिधाना को लुधियाना में होने वाले प्रोटेस्ट में जाने से रोकने के लिए की। वीरपाल कौर शहीद किरनजीत कौर प्री-प्राइमरी एसोसिएट अध्यापक यूनियन पंजाब की प्रदेश अध्यक्ष हैं। वीरपाल ने बताया कि पुलिस का ये कदम उस समय उठाया गया, जब वह खुद कह रही थी कि लुधियाना में सीएम भगवंत मान के कार्यक्रम में प्रदर्शन में भाग लेने का उनका कोई कार्यक्रम है ही नहीं। इसके बावजूद कार्यक्रम के 150 किमी दूर उन्हें स्कूल अरेस्ट (स्कूल में रोका गया) किया गया। वीरपाल कौर के अनुसार, सुबह 6 बजे पुलिस उनके घर पहुंची और फिर उन्हें सुबह 8 बजे हाजी रत्तन स्थित गवर्नमेंट मिडल स्कूल ले गई। स्कूल पहुंचते ही पुलिसकर्मियों ने उनका मोबाइल मांगा, जिसे उन्होंने देने से इनकार कर दिया। इसके बाद तीन पुलिसकर्मी, जिनमें दो महिला कॉन्स्टेबल थीं, पूरे छह घंटे तक तीन से छह साल के बच्चों की कक्षा में मौजूद रहे। 6 साल के बच्चों के साथ बैठे रहे पुलिसकर्मी स्कूल के प्री-प्राइमरी विभाग में कुल 56 बच्चे हैं और सभी की उम्र तकरीबन 6 साल है। स्कूल में दो सहायक अध्यापक कार्यरत हैं। सिधाना ने इसे अपने जीवन और लोकतांत्रिक अधिकारों पर सीधा हमला बताया और कहा, “आम आदमी पार्टी की कथित ‘शिक्षा क्रांति’ का असली चेहरा सामने आ गया है।” डेमोक्रेटिक टीचर फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय पाल शर्मा ने घटना को ‘अकल्पनीय’ बताया और कहा कि पुलिस को कम से कम नन्हे बच्चों की कक्षा में जाने से बचना चाहिए था। एसएसपी ने कहा- एसएचओ के खिलाफ होगी कार्रवाई स्कूल समय के बाद शिक्षकों ने बठिंडा की SSP अमनीत कोंडल को औपचारिक विरोध दर्ज कराया। एसएसपी अमनीत कौंडल ने स्पष्ट किया कि इस कार्रवाई के लिए कोई आदेश जारी नहीं हुआ था और पुलिस कर्मियों ने अपनी मर्जी से कक्षा में प्रवेश किया। उन्होंने कहा कि इसमें शामिल सभी पुलिसकर्मियों, यहां तक कि एसएचओ के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। जानें यूनियन के बारे में सिधाना की यूनियन (शहीद किरनजीत कौर प्री-प्राइमरी एसोसिएट अध्यापक यूनियन) राज्य भर में करीब 6,000 सहायक शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करती है, जिन्हें जुलाई 2023 में विभिन्न योजनाओं के तहत वॉलंटियर से शिक्षक के रूप में बदला गया था। फिलहाल उन्हें 19,845 रुपए मासिक वेतन दिया जा रहा है। सिधाना ने कहा, “हम पिछले एक दशक से नियमितीकरण और नियमित वेतनमान की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने केवल वेतन बढ़ाया, सेवाओं को नियमित नहीं किया।” ये सिर्फ एक मामला नहीं था। इसी तरह की एक और घटना में लुधियाना में एक और शिक्षक राजिंदर सिंह को सोमवार सुबह उनके घर से पुलिस ने उठाया और दोपहर में रिहा किया।
बठिंडा के सरकारी स्कूल में पुलिस ने घेरी प्री-प्राइमरी कक्षा:6 घंटे तक टीचर-बच्चों के साथ बैठे रहे; प्रदर्शन में जाने से रोका
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