हिसार जिले के बरवाला में भवन निर्माण कामगार यूनियन कमेटी बरवाला के नेतृत्व में सैकड़ों मजदूर सीटू कार्यालय से नारेबाजी करते हुए एसडीएम कार्यालय तक पैदल मार्च करते पहुंचे और अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन की अध्यक्षता प्रधान रामफल ने की, जबकि संचालन रामनिवास ने संभाला। सरकार ने मजदूरों के साथ किया अन्याय यूनियन के राज्य अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि श्रम कल्याण बोर्ड को मौजूदा बीजेपी सरकार ने बंद करने के आदेश देकर मजदूरों के साथ अन्याय किया है। यह बोर्ड लंबे संघर्ष के बाद गठित हुआ था, ताकि मजदूरों को आर्थिक सहयोग और कार्यस्थल पर हादसों के समय सहायता मिल सके, मगर अब मजदूरों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। श्रम कल्याण बोर्ड बहाल की मांग उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने तुरंत श्रम कल्याण बोर्ड को बहाल नहीं किया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। यूनियन नेता राजू बरवाला ने कहा कि समय रहते सरकार ने मजदूरों की बात नहीं सुनी तो गांव-गांव जाकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा और 26 अगस्त को जिला स्तर पर हिसार में विशाल प्रदर्शन किया जाएगा। जिसमें बरवाला से सैकड़ों मजदूर शामिल होंगे। श्रमिकों की 10 सूत्री मांगें – बंद किया गया पंजीकरण तुरंत प्रभाव से बहाल किया जाए और पास हुए आवेदनों की सहायता राशि जारी की जाए। – कल्याण बोर्ड में स्थायी अधिकारियों व कर्मचारियों की नियुक्ति कर स्वतंत्र ढांचा खड़ा किया जाए। – 90 दिन के काम की तस्दीक का अधिकार यूनियनों को दिया जाए। – फर्जीवाड़ा करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर कानूनी कार्रवाई की जाए। – बेमानी आपत्ति लगाकर रद्द किए गए लाभ के फॉर्म बहाल किए जाए। – फैमिली आईडी के नाम पर मजदूरों को प्रताड़ित करना बंद किया जाए। – प्रवासी मजदूरों के साथ कैंप में हो रही परेशानियों पर रोक लगाई जाए। – जिला स्तर पर वेरिफिकेशन में यूनियन प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए। – एसडीएम कार्यालय पर स्थित मजदूर कैंटीन को मजदूर चौक पर स्थानांतरित किया जाए। – न्यूनतम मासिक वेतन 26 हजार रुपए किया जाए।
बरवाला में भवन निर्माण मजदूरों का प्रदर्शन:श्रम कल्याण बोर्ड बंद करने का विरोध, एसडीएम को सौंपी 10 सूत्री मांगें
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