Basti News: उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. रोडवेज के पास स्थित एक निजी नर्सिंग होम में एक मासूम बच्चे की जिंदगी अकाल मौत की भेंट चढ़ गई, और उसके पिता ने इलाज में घोर लापरवाही का सीधा आरोप डॉक्टर एसके गौड़ पर लगाया है. यह घटना न केवल बच्चे के परिवार के लिए गहरा सदमा लेकर आई है, बल्कि इसने निजी अस्पतालों में इलाज की गुणवत्ता और जवाबदेही को लेकर भी बहस छेड़ दी है.
मृतक बच्चे के पिता, राधे श्याम, ने मीडिया को दिए बयान में बताया कि उनका बच्चा बीमार था और उसे इलाज के लिए डॉक्टर एसके गौड़ के नर्सिंग होम में 22 जून को रात्रि में भर्ती कराया गया था. राधे श्याम का आरोप है कि डॉक्टर ने बच्चे को निमोनिया का मरीज बताया और उसी के अनुरूप इलाज शुरू कर दिया.
परिजनों ने लगाया आरोप’तीन दिनों तक उनके बच्चे को निमोनिया का इलाज दिया जाता रहा, पीड़ित राधे श्याम ने आरोप लगाया कि ‘हमसे इलाज के नाम पर करीब 50 हजार रुपये तक की वसूली भी की गई. लेकिन राधे श्याम का सबसे बड़ा आरोप यह है कि डॉक्टर ने उन्हें बच्चे की असली बीमारी के बारे में अंधेरे में रखा. कहा कि उनके बच्चे के हार्ट में दिक्कत थी, जिसका इलाज किया ही नहीं गया.
बच्चे की मौत होने के बाद डॉक्टर एसके गौड़ ने उन्हें बताया गया कि बच्चे को हार्ट की गंभीर समस्या थी. कहा अगर हमें पहले पता होता, तो हम उसे कहीं और ले जाते.’ राधे श्याम का कहना है कि यह गलत निदान और इलाज ही उनके बच्चे की मौत का कारण बना है.
परिजनों ने काटा हंगामामासूम बच्चे की मौत की खबर फैलते ही नर्सिंग होम में भारी हंगामा खड़ा हो गया. राधे श्याम और उनके परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय कोतवाली पुलिस को सूचना दी गई.
पुलिस दल तुरंत मौके पर पहुंचा और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया. पुलिस अधिकारियों ने राधे श्याम और अन्य परिजनों से बात की और उन्हें मामले की गहनता से जांच करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही का भरोसा दिलाया. पुलिस ने कहा कि वे सभी पहलुओं की जांच करेंगे और आवश्यक कानूनी कदम उठाएंगे.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने क्या बतायावहीं इस पूरे मामले को लेकर जब हमने बस्ती स्वास्थ्य महकमें के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजीव निगम से बात की तो उन्होंने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है और वे इस प्रकरण की जांच करवा कर दोषी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. फिलहाल उनके द्वारा डिप्टी सीएमओ डॉक्टर एसबी सिंह को जांच अधिकारी नामित कर दिया गया है. वही इलाज करने वाले डॉक्टर एसके गौड़ ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.
बहरहाल यह मामला अब पुलिस जांच के दायरे में है. पुलिस को यह पता लगाना होगा कि क्या बच्चे का निदान सही था, क्या इलाज में कोई चूक हुई, और क्या इलाज के दौरान बच्चे की स्थिति के बारे में परिजनों को पूरी और सही जानकारी दी गई थी. इस घटना ने एक बार फिर निजी स्वास्थ्य क्षेत्र की जवाबदेही और विनियमन पर सवाल खड़े कर दिए हैं. फिलहाल बच्चे का परिवार न्याय की मांग कर रहा है.
बस्ती के नर्सिंग होम में डॉक्टर की लापरवाही से बच्चे की मौत, परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
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