भास्कर न्यूज| लुधियाना लुधियाना को बाल भिक्षावृत्ति से मुक्त कराने के लिए जिला प्रशासन ने बड़ा अभियान चलाया। पंजाब स्त्री एवं बाल विकास विभाग के निदेशक और डिप्टी कमिश्नर हिमांशु जैन के निर्देश पर 7 से 11 जुलाई तक ‘जीवनजोत बचपन बचाओ’ प्रोजेक्ट के तहत विशेष ड्राइव की गई। अभियान की अगुवाई जिला बाल संरक्षण अधिकारी रश्मि ने की। इसमें बाल संरक्षण इकाई के साथ पुलिस और शिक्षा विभाग की टीमें शामिल रहीं। पांच दिन के इस अभियान में शहर के बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और आसपास के इलाकों से 17 बच्चों को रेस्क्यू किया गया। इन बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर काउंसलिंग कराई गई, ताकि वे दोबारा भीख मांगने के लिए मजबूर न हों। दुकानदारों और आम लोगों को जागरूक किया गया कि वे बच्चों को भीख देने के बजाय उन्हें शिक्षा से जोड़ने में मदद करें। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों से भीख मंगवाना एक गंभीर अपराध है। पकड़े जाने पर दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई होगी। जिला बाल संरक्षण अधिकारी रश्मि ने कहा कि ऐसे औचक निरीक्षण और बचाव अभियान आगे भी जारी रहेंगे। उनका लक्ष्य लुधियाना को बाल भिक्षावृत्ति जैसी सामाजिक बुराई से स्थायी रूप से मुक्त कराना है।
बस स्टैंड-रेलवे स्टेशन से 17 बच्चे रेस्क्यू किए
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