वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट की एक ही बेंच में होगी. इस बारे में मिलती-जुलती याचिकाओं के 2 अलग-अलग बेंच में लंबित होने की जानकारी बुधवार (30 जुलाई, 2025) को चीफ जस्टिस बी आर गवई को दी गई थी. इस पर उन्होंने सभी मामलों की एक साथ सुनवाई का निर्देश दिया. सुनवाई के दौरान मंदिर का प्रबंधन करने वाले गोस्वामियों के वकील को कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई.
कोर्ट ने पहले सुनवाई से किया था इनकार
गोस्वामी परिवार की ओर से पेश हुए वकील ने चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय बेंच के सामने मामला रखा. वकील ने कहा कि वह वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल के व्यस्त होने के चलते पेश हुए हैं. इस 3 सदस्यीय बेंच में जस्टिस सतीश चन्द्र शर्मा भी बैठे थे. पहले से इस मामले को सुनते चले आ रहे जस्टिस शर्मा को तुरंत याद आ गया कि इस याचिका को सुनने से उन्होंने पहले मना किया था. जस्टिस शर्मा ने कहा कि याचिकाकर्ता को इस तरह की चाल नहीं चलनी चाहिए.
अवमानना की कार्यवाही शुरू करने का निर्देश
इस पर चीफ जस्टिस गवई खासे नाराज हो गए. उन्होंने वकील के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया, लेकिन जस्टिस सतीश चन्द्र शर्मा ने उदारता दिखाते हुए इसे आगे नहीं बढ़ाया. प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर के प्रबंधन और उसके चारों ओर तीर्थयात्रियों के लिए कॉरिडोर बनाने को लेकर गोस्वामियों और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच काफी समय से विवाद है. राज्य सरकार ने मंदिर के प्रबंधन पर एक अध्यादेश जारी किया है. इसे मंदिर मैनेजमेंट कमिटी ने चुनौती दी है.
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बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाओं की एकसाथ सुनवाई का दिया आदेश, वकील को लगाई फटकार
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