बागपत के जीव दया संस्थान में मिलता है बकरों को जीवन दान, 10 साल पहले शुरू हुई थी पहल

by Carbonmedia
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Baghpat News: बकरीद से पहले बागपत के अमीनगर सराय कस्बे में स्थित जीव दया संस्थान  एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. बकरीद पर बाजारों में बेचे जाने वाले बकरों को संस्थान से जुड़े लोग खरीद रहे है और उन्हें जीव दया संस्थान में संरक्षित कर रहे है. इस बार लगभग 650 बकरों को खरीदकर संस्थान में संरक्षित कर जान बचाई गई है.


बागपत तहसील क्षेत्र में अमीनगर सराय कस्बा स्थित है जिसमें जैन समुदाय के लोग बहुतयात में रहते है. जैन समाज के लोगों ने कस्बे में ही जीव दया नाम की संस्था खोल रखी है, जिसमें बकरीद पर कुर्बानी दिए जाने वाले बकरों की जान बचाते हुए उन्हें  संरक्षित किया जाता है. यह कार्य कई साल से अनवरत रूप से जारी है. इस बार भी लगभग 650 बकरों को खरीदकर उनकी जान बचाई गई है.


10 साल पहले शुरू हुई थी पहल
संस्थान से जुड़े सचिन ने बताया कि 10 साल पहले हमारे घर संत राजश्री राजेंद्र मुनि आए थे. उन्होंने ही हमें प्रेरणा देकर कहा था कि बकरों को अपनी मौत मरनी चाहिए. उन्होंने इच्छा जताते हुए कहा था कि गौशाला तो बहुत हैं, लेकिन बकराशाला नहीं हैं जिसके बाद उन्होंने बकराशाला शुरू की. इस भले कार्य में सभी लोगों का सहयोग मिला और एक साल पहले 5000 वर्ग फुट नई जगह खरीदकर नया संस्थान बनाया है. यहां कई सौ कि संख्या में बकरे हैं सभी के दाने, खाने-पीने का इंतजाम किया जाता है. 


डॉक्टर शशिकांत ने बताया कि महावीर स्वामी का संदेश है कि जीओ और जीने दो, उसी कि प्रेरणा से यह जीव दया संस्थान खोला गया है वह बकरों को बच्चों कि तरह रखकर उनकी परवरिश करते है. बीमार बकरों का समय से उपचार किया जाता है. बकरीद पर जहां एक तरफ बकरों की कुर्बानी दी जाती है वहीं जीव दया जैसे संस्थान बकरों को जीवनदान देने का काम रहे हैं.


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