कैल्शियम, जिसकी आवाज बचपन से ही कानों में पहुंचना शुरू हो जाती है. अक्सर मां अपने बच्चों से कहती हैं दूध नहीं पिओगे तो कैल्शियम की कमी हो जाएगी. बार-बार बोन फ्रैक्चर, मसल्स क्रैम्प आदि कुछ ऐसे लक्षण हैं, जो सामान्य रूप से लोगों के जेहन में भी रहते हैं. लेकिन इसके अलावा बाॅडी में कुछ ऐसे सिम्प्टम्स भी नजर आते हैं, जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है. लेकिन ये कैल्शियम की कमी की ओर इशारा करते हैं…
उंगलियों में झुनझुनी या सुन्नता
उंगलियों में झुनझुनी या सुन्नपन को अक्सर हम नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन ये बाॅडी में कैल्शियम की कमी का संकेत हो सकता है. इस स्थिति को पेरेस्थेसिया कहा जाता है. जिसमें कैल्शियम की कमी से झुनझुनाहट, सुन्नता महसूस होती है.
अधिक थकान होना
अधिक काम करने के दाैरान थकान होना सामान्य है. लेकिन बिना कुछ करे बाॅडी अक्सर थकी महसूस होना, कुछ संकेत देती है. ऐसा कैल्शियम की कमी के चलते भी हो सकता है. कैल्शियम शरीर में एनर्जी प्रोड्यूस करने में मदद करता है.
निगलने में कठिनाई
खाना निगलने में कठिनाई हो रही है तो ये बाॅडी में कैल्शियम की कमी का संकेत हो सकता है. कैल्शियम की कमी से गले और आहार की नली की मसल्स प्रभावित होती हैं. इस स्थिति को डिस्फेजिया कहा जाता है. इसका असर शरीर के डाइजेशन सिस्टम पर भी देखने को मिल सकता है.
दांतों में दिक्कत
कैल्शियम की कमी का असर दांतों में देखने को मिल सकता है. ओरल हाईजीन का प्राॅपर ध्यान रखने के बाद भी दांतों में सेंसिटिविटी, कैविटी के साथ मंसूड़ों में दिक्कत देखने को मिल सकती है.
मेंटल हेल्थ पर असर
कैल्शियम की कमी के चलते मेंटल हेल्थ प्रभावित हो सकती है. कैल्शियम बाॅडी में नर्व फंक्शन के लिए जरूरी होता है. ये मेंटल हेल्थ के लिए आवश्यक न्यूरोट्रांसमीटर्स और हार्मोन को रेग्यूलेट करने में मदद करता है. इसकी कमी से एंक्जाइटी और मूड स्विंग की प्राॅब्लम देखने को मिल सकती है.
स्किन ड्राईनेस भी एक लक्षण
अगर स्किन में ड्राईनेस या इचिंग हो रही है तो ये कैल्शियम की कमी के चलते हो सकता है. ये स्किन के सेल को रीजेनरेट करने के साथ माॅइस्चर बनाए रखने में भी मदद करता है. इसकी कमी से शरीर में कोहनी, घुटनों में एक्जिमा की प्राॅब्लम देखने को मिल सकती है.
इस तरह दूर करें कैल्शियम की कमी
- कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए डेयरी प्रोडक्ट, हरे पत्ते वाली सब्जियां, बादाम आदि को डाइट में शामिल करें.
- विटामिन डी बाॅडी में कैल्शियम को बनाए रखने में सहायक होता है. इसके लिए पर्याप्त सूरज की रोशनी, विटामिन डी रिच फूड्स आदि का सेवन किया जा सकता है.
- डाइट में बदलाव से कैल्शियम की कमी पूरी नहीं हो पाती है तो सप्लीमेंट की जरूरत पड़ सकती है. ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट्स की सलाह के अनुसार कैल्शियम सप्लीमेंट लेना चाहिए.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.