बालासाहेब ठाकरे परिवार की बहू स्मिता ठाकरे ने राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की संभावित गठबंधन पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अगर साहेब के रहते दोनों भाई एक साथ आए होते तो उन्हें बहुत खुशी होती. आइए जानते हैं, स्मिता ठाकरे ने क्या कहा? बता दें, स्मिता ठाकरे, उद्धव ठाकरे के भाई जयदेव ठाकरे की पत्नी हैं.
स्मिता ठाकरे अपनी मुक्ति फाउंडेशन की ओर से बच्चों को भोजन और आवश्यक वस्तुओं के वितरण के लिए जुहू के एक स्कूल में पहुंची थीं. इस दौरान बोलते हुए उन्होंने कहा – “आओ भूख मिटाओ”, यह अभियान मैंने शुरू किया है. झोपड़पट्टी के बच्चों को मैं भोजन बांटती हूं. हमारे माता-पिता के संस्कार हैं कि जो भी आए उसे पेट भरकर खिलाना चाहिए. मैं और मेरे दोनों बेटे, हम तीनों “मुक्ति फाउंडेशन” से जुड़े हैं. मेरी इच्छा है कि हर युवा में समाजसेवा की भावना हो.
राजनीति में आने को लेकर स्मिता ठाकरे का बयानराजनीति में प्रवेश को लेकर उन्होंने कहा – “अब तक मेरा कोई राजनीतिक सफर शुरू नहीं हुआ है. मैं किसी भी पार्टी से जुड़ी नहीं हूं. जब तक साहेब थे, तब तक मैं उनके साथ थी. उनके मार्गदर्शन की वजह से ही मैं आज ‘मुक्ति फाउंडेशन’ चला पा रही हूं. किसी भी राजनीतिक दल या सरकार से मुझे कोई मदद नहीं मिली है.
उन्होंने कहा कि उनकी पहचान एक समाजसेविका और फिल्म मेकर के रूप में है. ठाकरे सरनेम होने का मतलब यह नहीं कि उन्हें राजनीति में ही जाना चाहिए. उनके ससुर भी नाटकों और फिल्मों में काम करते थे, उसी भूमिका को उन्होंने आगे बढ़ाया है.
उद्धव और राज ठाकरे के साथ आने पर बड़ा बयानजब उनसे उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के एक होने पर सवाल किया गया, तो स्मिता ठाकरे ने कहा– “दोनों का साथ आना परिवार के तौर पर बहुत अच्छी बात है. लेकिन मेरी यही भावना है कि अगर साहेब के रहते ऐसा हुआ होता तो उन्हें बहुत खुशी होती. मैं किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़ी नहीं हूं, इसलिए दोनों भाइयों के साथ आने से क्या राजनीतिक असर होगा, यह मैं नहीं बता सकती.”
‘बालासाहेब के रहते दोनों भाई साथ आए होते तो…’, राज-उद्धव गठबंधन की अटकलों पर ठाकरे परिवार की बहू का बड़ा बयान
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