अपनी मर्जी के खिलाफ बाल विवाह के बाद घर से भाग निकली 16 साल की एक लड़की की सुरक्षा का सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है. बिहार की रहने वाली लड़की ने बताया था कि उसे और उसकी मदद करने वाले दोस्त को जान का खतरा है. दोस्त के पूरे परिवार के खिलाफ एफआईआर कराके उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है.
पटना के पिपलवा थाना क्षेत्र की रहने वाली लड़की की याचिका में कहा गया है कि वह पढ़ना चाहती थी, लेकिन मैट्रिक की परीक्षा देने से भी पहले उसकी शादी करवा दी गई. दिसंबर, 2024 में हुई शादी के बाद उसे जबरन भोजपुर जिले के एक गांव में भेज दिया गया जहां उसकी ससुराल है. पति की उम्र लगभग 32-33 साल है. वह उसे लगातार प्रताड़ित करता है. यह भी कहता है कि उसके पिता ने उससे कर्ज लिया है, इसलिए, वह उसे अपने पास रखेगा.
बहुत मिन्नतें करने के बाद उसे मैट्रिक की परीक्षा देने के लिए अपने मामा के साथ मायके आने दिया गया. विपरीत परिस्थितियों में भी उसने सेकेंड डिवीजन से परीक्षा पास की. इसके तुरंत बाद उसे ससुराल भेजने की तैयारी शुरू हो गई. 31 मार्च को वह अपने एक दोस्त की सहायता से भाग निकली. इसके बाद दोस्त और उसके परिवार पर अपहरण की एफआईआर दर्ज करवा दी गई. यह एफआईआर लड़की के परिवार ने करवाई. इसमें इस तथ्य को छुपा लिया गया कि उसकी शादी करवाई जा चुकी है.
याचिका में बताया गया है कि दोनों पर वापसी का दबाव बनाने के लिए दोस्त के पिता को गिरफ्तार भी करवा दिया गया है. लड़की का पति सबसे यह कह रहा है कि लड़की के मिलते ही वह उसकी हत्या कर देगा. लड़की ने बताया है कि इन बातों से डर कर वह लगातार छुप रही है. बाल विवाह निषेध कानून के तहत उसकी शादी अवैध है. इसे रद्द करने के लिए वह सिविल कोर्ट में आवेदन देना चाहती है, लेकिन अपने शहर तक जाना उसके लिए संभव नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट में मामला जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और जस्टिस मनमोहन की अवकाशकालीन बेंच के सामने लगा. याचिका को पहले ही पढ़ चुके जजों ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद लड़की और उसके दोस्त की सुरक्षा का आदेश दे दिया. कोर्ट ने बिहार के डीजीपी और दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है. साथ ही, याचिका पर बिहार सरकार, लड़की की मां और उसके पति को नोटिस जारी किया है. 15 जुलाई को मामले की अगली सुनवाई होगी.
बाल विवाह के बाद भाग निकली 16 साल की लड़की को जान का खतरा, सुप्रीम कोर्ट ने दिया सुरक्षा का आदेश
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