Mahoba News: महोबा में बिजली दरों में लगातार हो रही बढ़ोतरी और ऊर्जा विभाग की लचर कार्यप्रणाली और निजीकरण के विरोध भारतीय हलधर किसान यूनियन ने प्रदर्शन किया. संगठन के लोगों ने डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक ज्ञापन भेजा है. संगठन ने आरोप लगाया कि ऊर्जा मंत्री और बिजली विभाग के आला अधिकारी हिटलरशाही रवैया अपनाकर गरीब, किसान, मजदूर और मध्यम वर्ग की कमर तोड़ने पर आमादा हैं.
भारतीय जलधार किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष जनक सिंह परिहार के नेतृत्व में इक्कठा हुए किसानों ने कलेक्ट्रेट में जमकर नारेबाजी की. डीएम को दिए ज्ञापन में कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की दरें 8 रुपए प्रति यूनिट और शहरी क्षेत्रों में 9 रुपए प्रति यूनिट तक पहुंच चुकी हैं. विभिन्न शुल्कों को जोड़कर यह दरें 14 से 15 रुपए प्रति यूनिट तक पहुंच जाती हैं, जो आमजन की पहुंच से बाहर है.
“विभागीय लापरवाही के कारण मेंटेनेंस शून्य”भारतीय हलधर किसान यूनियन ने यह भी आरोप लगाया कि गांव, कस्बों और शहरों में तयशुदा रोस्टर के अनुसार बिजली आपूर्ति नहीं हो रही है. विभागीय लापरवाही के कारण लाइन मेंटेनेंस शून्य है, जबकि संविदा कर्मियों और ठेकेदारों के भरोसे विभाग चल रहा है. ऊपर से विद्युत विभाग का निजीकरण किया जा रहा है और लगातार संविदा कर्मियों को हटाया जा रहा है जिससे कम कर्मचारियों पर काम का लोड ज्यादा होने से होने वाले फाल्ट जल्दी सही नहीं हो पाते और विभाग में निचले स्तर से ऊपर तक भ्रष्टाचार पनप रहा है बिना रुपए दिए लोगों के काम तक नहीं हो रहे है.
ऊर्जा मंत्री और UPPCL चेयरमैन को हटाने की मांगकिसानों ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर ऊर्जा मंत्री और UPPCL चेयरमैन को तत्काल पद से नहीं हटाया गया तथा बिजली व्यवस्था में सुधार कर निजीकरण को नहीं रोका गया तो पूरे उत्तर प्रदेश में बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा. किसान संगठन ने स्पष्ट किया है कि यदि सरकार ने किसानों की मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया, तो आगामी विधानसभा चुनावों में सत्ता से बाहर होने की जिम्मेदारी खुद सरकार की होगी. क्योंकि हम किसान आने वाले चुनावों में खुलकर भारतीय जनता पार्टी का विरोध करेंगे.
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बिजली दरों में बढ़ोतरी और निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन, भारतीय हलधर किसान यूनियन ने सौंपा ज्ञापन
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