बिजली महादेव मंदिर से टावर हटाने की मांग:छड़ीबरदार का दावा- टावर से कम हो रही हैं महादेव की शक्तियां, देवता ने दी विपदा की चेतावनी

by Carbonmedia
()

भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने बिजली महादेव मंदिर परिसर से टेलीफोन टावर हटाने की मांग की है। उन्होंने जल विहार कार्यक्रम के दौरान यह मुद्दा उठाया। सिंह ने बताया कि महादेव ने गुर के माध्यम से यह संदेश दिया है। महेश्वर सिंह के अनुसार, मंदिर परिसर में लगे टेलीफोन टावर से महादेव की शक्तियां कम हो रही हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में एक घटना में शिवलिंग दो हिस्सों में टूट गया था। शिवलिंग बाद में देव विधि से अपने आप जुड़ गया। छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने कहा कि महादेव ने आने वाले समय में एक विपदा की चेतावनी दी है। उन्होंने प्रशासन और भक्तों से सतर्क रहने को कहा है। सिंह ने मंदिर परिसर से टावर हटाने की मांग की है। साथ ही मंदिर के आसपास ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाने को कहा है, जिनसे देवी-देवताओं की शक्तियों पर असर पड़ता हो। बिजली महादेव मंदिर
बिजली महादेव मंदिर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू घाटी में स्थित पूजनीय और प्राचीन मंदिर है। यह ब्यास नदी के किनारे एक पहाड़ी पर स्थित है, जहां से घाटी का मनोरम दृश्य दिखाई देता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे “बिजली महादेव” इसलिए कहा जाता है क्योंकि मान्यता है कि यहां हर 12 साल में बिजली गिरती है, जिससे शिवलिंग टूट जाता है। पुजारी तब मक्खन और सत्तू का उपयोग करके शिवलिंग को फिर से जोड़ते हैं, जो एक चमत्कारिक घटना है। मुख्य विशेषताएं और मान्यताएं बिजली गिरने की घटना: मंदिर की सबसे अनूठी विशेषता यह है कि यहां शिवलिंग पर हर 12 साल में बिजली गिरती है। स्थानीय लोगों का मानना है कि भगवान शिव इस बिजली को अपने ऊपर लेकर क्षेत्र को आपदाओं से बचाते हैं।
पुनर्स्थापन: बिजली गिरने से शिवलिंग खंडित हो जाता है, जिसे बाद में मंदिर के पुजारी विशेष विधि और सामग्री (मक्खन और सत्तू) का उपयोग करके पुनः स्थापित करते हैं। यह प्रक्रिया देवताओं की शक्ति और कृपा का प्रतीक मानी जाती है।
ऐतिहासिक महत्व: इस मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है और यह स्थानीय संस्कृति और मान्यताओं का एक अभिन्न अंग है। यह केवल एक पूजा स्थल नहीं, बल्कि प्रदेशभर के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है जहाँ सभी की मनोकामनाएं पूर्ण होती है। पर्यटन और तीर्थयात्रा: हर साल हजारों भक्त और पर्यटक इस मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं, खासकर सावन के महीने में। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक माहौल शांति की तलाश करने वालों के लिए एक आदर्श स्थान है। कुल्लू घाटी के अन्य प्रमुख धार्मिक स्थल
कुल्लू घाटी, जिसे “देवताओं की घाटी” भी कहा जाता है, में कई अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल हैं जो पर्यटकों और भक्तों को आकर्षित करते हैं:-
रघुनाथ मंदिर, कुल्लू: यह मंदिर भगवान रघुनाथ को समर्पित है। यह कुल्लू दशहरे का केंद्र बिंदू है, जहां घाटी के सभी देवी-देवता एक साथ एकत्रित होते हैं।
हडिम्बा देवी मंदिर, मनाली: यह मंदिर मनाली में स्थित है और देवी हडिम्बा को समर्पित है, जो भीम की पत्नी और घटोत्कच की माता थीं। यह अपनी अनूठी लकड़ी की वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है।
वशिष्ठ मंदिर, मनाली: मनाली के पास वशिष्ठ गांव में स्थित यह मंदिर ऋषि वशिष्ठ और भगवान राम को समर्पित है। यहां गर्म पानी के झरने भी हैं जिन्हें औषधीय गुणों वाला माना जाता है।
बिजली महादेव से कनेक्टिविटी: बिजली महादेव मंदिर तक पहुँचने के लिए कुल्लू से टैक्सी या बस से यात्रा करनी पड़ती है, और फिर एक छोटी ट्रेकिंग करनी पड़ती है। यह रास्ता सुंदर दृश्यों से भरा हुआ है।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment