बिहार का जिक्र कर महबूबा मुफ्ती बोलीं, ‘गैर-स्थानीय लोगों को मतदाता सूची में जोड़ा जा रहा है, जिससे…’

by Carbonmedia
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जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने की छठी बरसी पर विपक्षी पार्टियां काले दिवस के रूप में मना रही है.  इस मौके पर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू कश्मीर में हालात ठीक नहीं है, जिसका सबूत आज के दिन उनके ऑफिस में लगा ताला है.
उन्होंने मंगलवार (5 अगस्त) को कहा, ”लोगों के संवैधानिक हक छीने जा रहे हैं. संविधान को बदला जा रहा है और अब तो लोगों के वोट का अधिकार भी छीना जा रहा है.”
महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर लिखा, ”5 अगस्त केवल जम्मू-कश्मीर के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक काला दिन है. इस दिन संविधान को किसी बाहरी ताकत ने नहीं, बल्कि हमारे लोकतंत्र के केंद्र में बैठी एक क्रूर बहुमत वाली सरकार ने भीतर से ही कमजोर किया. जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को असंवैधानिक रूप से समाप्त करना एक अंत नहीं था — यह हमारे संवैधानिक मूल्यों पर व्यापक हमले की शुरुआत थी.”
SIR का किया जिक्र
उन्होंने कहा, ”जम्मू-कश्मीर को एक प्रयोगशाला बना दिया गया, वहां की जनता को अधिकारविहीन किया गया. उनकी जमीन छीन ली गई और उनकी जनसंख्या संरचना को निशाना बनाया गया, जिसे बहुतों ने केवल एक स्थानीय मुद्दा समझा, वह दरअसल पूरे देश के लिए एक चेतावनी थी.”
मुफ्ती ने कहा, ”आज वह चेतावनी पूरे देश में साकार हो रही है. बिहार में (SIR) के जरिए लाखों लोगों को मतदाता सूची से बाहर करने का खतरा मंडरा रहा है. तमिलनाडु से लेकर कश्मीर तक, बड़ी संख्या में गैर-स्थानीय लोगों को मतदाता सूची में जोड़ा जा रहा है, जिससे जनसंख्या का संतुलन और चुनावी प्रक्रिया दोनों प्रभावित हो रहे हैं. यदि भारत अब भी नहीं जागा, तो जो कुछ जम्मू-कश्मीर में शुरू हुआ, वह जल्द ही पूरे देश की पहचान बन जाएगा.”
पुलिस ने नहीं दी प्रदर्शन की इजाजत
महबूबा मुफ्ती अनुच्छेद 370 हटाए जाने की छठी  एनिवर्सरी पर विरोध करने के लिए पार्टी दफ्तर पहुंची थीं, लेकिन पुलिस ने उनको प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी.
वहीं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को जम्मू पठानकोट नेशनल हाईवे को जाम किया. पीडीपी के कार्यकर्ता हाथों में जम्मू कश्मीर को उसका हक वापस देने के पोस्टर लहराते हुए मांग कर रहे थे कि जम्मू कश्मीर को तुरंत राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए. 
पीडीपी कार्यकर्ताओं के निशाने पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी और उन्होंने आरोप लगाया कि जम्मू कश्मीर के लोगों की इच्छाओं के बिना धारा 370 को हटाकर जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ नाइंसाफी की गई है. 

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