बिहार की तर्ज पर अब यूपी में भी राष्‍ट्रीय ओबीसी हिन्‍दू महासंगम, 10 अगस्त को गोरखपुर में होगा सम्मेलन

by Carbonmedia
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Gorakhpur News:  बिहार के बाद यूपी में भी अब धर्माचार्यों को एकजुट करने के लिए ‘राष्‍ट्रीय ओबीसी हिन्‍दू महासंगम’ होने जा रहा है. इटावा की घटना के बाद जहां ओबीसी समाज में रोष व्‍याप्‍त है. तो वहीं ओबीसी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष कालीशंकर यदुवंशी 10 अगस्‍त को यूपी के गोरखपुर में इस सम्‍मलेन में देश के विभिन्‍न राज्‍यों से ओबीसी समाज से जुड़े संतों और धर्माचार्यों को बुलाने की तैयारी कर रहे हैं. वे कहते हैं कि हां वे राजनीति करते हैं. क्‍योंकि उन्‍हें ओबीसी समाज का अपमान बर्दाश्‍त नहीं है.
गोरखपुर में ओबीसी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष कालीशंकर यदुवंशी ने कहा कि लोग कहते हैं कि हिन्‍दू एक हैं, तो ओबीसी के संतों का अपमान क्‍यों किया जा रहा है. ओबीसी के कथावाचकों के साथ अपमान होता है, तो वे बर्दाश्‍त नहीं करेंगे. ये गोरखनाथ बाबा की धरती है. जो एक संत थे. उन्‍होंने कभी जातियों में विभेद नहीं किया. इसी वजह से वे 10 अगस्‍त को समता का अधिकार दिलाने के लिए राष्‍ट्रीय पिछड़ा हिन्‍दू महासंगम कर रहे हैं. वे कहते हैं कि वे ब्राह्मणों का सम्‍मान करते हैं. टीवी चैनलों में इटावा की घटना को प्रमुखता से दिखाया गया. उन्‍होंने कहा कि देश में अनेक घटनाएं उदाहरण हैं, जहां पिछड़ा वर्ग के लोगों का अपमान हो रहा है. अब कथावाचकों, संतों और योगाचार्यों के साथ अपमान की घटनाएं हो रही हैं.
अपमान की घटनाओं पर बोले कालीशंकर यदुवंशीकालीशंकर यदुवंशी ने कहा कि ये नहीं होना चाहिए. क्‍या ब्राह्मण जाति में सभी ज्ञानवान हैं. क्‍या ब्राह्मण मांस और शराब का सेवन नहीं कर रहे हैं. चार वर्ण कार्यों के आधार पर बनाए गए है. जो ब्राह्मण नीच काम करता है, उसे शूद्र कहलाता है. शूद्र ज्ञान देने का काम करता है, तो ब्राह्मण कहलाता है. संविधान में सभी धर्मों को समता के अधिकार की बात कही गई है. मांस खाने वाले का कोई विरोध नहीं है. उसके साथ विरोध है जहां जाति देखकर पिछड़े का विरोध किया जा रहा है, तो ये यहां संविधान का राज है, मनु स्‍मृति का नहीं.
कालीशंकर ने कहा कि बिहार में राजनीतिज्ञ एजेंडे के तहत इस तरह का हथकंडा अपनाते हैं. वहां सारा कुछ पूर्व नियोजित होता है. हर राजनीतिक पार्टी हथकंडा अपनाते हैं. ओबीसी पार्टी आम ओबीसी को बता दें कि वो दोयम दर्जे के हैं, तो पिछड़े हिन्‍दू इस देश में बता देंगे कि उनकी ताकत क्‍या है. डमोक्रेसी हमसे चलती है. देश की सारी व्‍यवस्‍था हमसे चलती है. वे कर्मशील लोग हैं.
संजय निषाद पर बोला हमला कैबिनेट मंत्री डा. संजय निषाद पिछड़े निषाद समाज को एससी का दर्जा दिलाने के लिए व्‍यक्तिगत मांग कर रहे हैं. ये उनका विषय है वे राजनीति के स्‍वार्थ के हिसाब से अपना ट्यून बढ़ाते और कम करते हैं. उन्‍होंने निषाद समाज के लिए भी लड़ाई लड़ी है. धर्मात्‍मा निषाद की हत्‍या हो गई थी. जहां ओबीसी पार्टी ने बढ़चढ़कर हिस्‍सा लिया और सहयोग किया.
उन्होंने आगे कहा वह कहते थे कि निषाद भाइयों को अनुसूचित का आरक्षण दिलवा देंगे, लेकिन हुआ क्‍या सिर्फ सांत्‍वना ही मिली. राज कौन कर रहा है, ये उन्‍हें कहने की बात नहीं है. जनता देख रही है. ओबीसी पार्टी एक नई रोशनी के रूप में उभरकर सामने आ रही है. ओबीसी पार्टी, एससी-एसटी और माइनॉरिटी के हक अधिकार के लिए लड़ने का काम करती है.
10 अगस्त को होगा राष्ट्रीय पिछड़ा हिन्दू महासंगमकालीशंकर यदुवंशी ने कहा‍ कि ओबीसी पार्टी 10 अगस्‍त को राष्‍ट्रीय पिछड़ा हिन्‍दू महासंगम कराने जा रही है. जब पिछड़े समाज के संतों, महात्‍माओं, योगाचार्यों और पुजारियों ने संपर्क किया कि आप ओबीसी पार्टी बनाए हुए हैं. आप ओबीसी समाज के हक, अधिकार और सम्‍मान की बात करते हैं. आज उन लोगों का अपमान हो रहा है. क्‍या वे लोग इस देश के नागरिक नहीं हैं. क्‍या वे लोग हिन्‍दू नहीं है. इसलिए उनका अपमान है. तो संविधान का राज कहा है.
ये तो वास्तव में कुछ पंडित और पुजारी कहते हैं कि मनु स्‍मृति का शासन पहले है, तो उन्‍हें ऐसा ही लग रहा है. ओबीसी पार्टी संविधान में विश्‍वास करती है. कालीशंकर कहते हैं कि हां वे राजनीति कर रहे हैं. राजनीति वो होती है, जो आम जनता के कल्‍याण के लिए की जाती है, तो हां वे अपने पिछड़े समाज के लिए 100 फीसदी राजनीति कर रहे हैं. 

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