बिहार चुनाव में दोगुनी सीटों पर CPI-ML की नजर, जेएनयू छात्रनेता धनंजय को लड़ाने की तैयारी

by Carbonmedia
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CPI-ML in Bihar Elections: बीते बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान विपक्षी गठबंधन में सबसे बेहतर स्ट्राइक रेट वाली पार्टी सीपीआई-एमएल इस बार दोगुनी सीटों पर लड़ना चाहती है. 2020 चुनाव में पार्टी ने 19 सीटों पर लड़कर 12 जीती थी. पार्टी महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा कि हमारी तैयारी 40–45 सीटों पर चल रही है. उन्होंने यह भी कहा कि सीपीआई-एमएल जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष धनंजय कुमार को चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रही है.
पिछली बार हम कुछ सीटों से रह गए थे, इस बार बनाई जा रही रणनीति- दीपांकर भट्टाचार्य
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि नीतीश सरकार में अपराधियों और अराजकता का बोलबाला है. जनता बदलाव चाहती है और इस बार निर्णायक जनादेश आएगा. इंडिया गठबंधन की रणनीति को लेकर उन्होंने कहा कि घटक दलों के बीच सीटों को लेकर बातचीत शुरू हो चुकी है. सभी पार्टियों से लिस्ट देने को कहा गया है. पिछले चुनाव के मुकाबले प्रक्रिया बेहद व्यवस्थित है. पिछली बार हम कुछ सीटों से रह गए थे. इस बार ऐसा ना हो इसको ध्यान में रखते हुए रणनीति बनाई जा रही है.
पिछली बार CPI ने कुर्बानी दी थी, इस बार दूसरी पार्टी को कुर्बानी देनी चाहिए- दीपांकर
सीट बंटवारे को लेकर उन्होंने कहा, “इस बार वीआईपी पार्टी भी हमारे साथ है, ऐसे में सभी दलों को “गीव एंड टेक” करना होगा. बीते विधानसभा और लोकसभा चुनाव में सीपीआई-एमएल ने कुर्बानी दी. इस बार दूसरी पार्टियों को कुर्बानी देनी चाहिए. दीपांकर का इशारा कांग्रेस की तरफ था, जो 2020 में 70 में से केवल 19 सीटें जीत पाई थी. उन्होंने कहा कि सीपीआई एमएल सीटों की संख्या इसलिए भी बढ़ाना चाहती है ताकि ज़्यादा दलित, पिछड़े और महिलाओं को टिकट दे सके.”
दलित समाज से आने वाले धनंजय कुमार को चुनाव में उतारना चाहती है पार्टी- दीपांकर
पिछली बार जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व महासचिव संदीप सौरभ को विधानसभा पहुंचाने के बाद अब सीपीआई-एमएल एक और छात्रनेता को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है. दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी दलित समाज से आने वाले जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष धनंजय कुमार को चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रही है. हालांकि, गया जी के जिस इलाके से धनंजय आते हैं, उनकी संभावित सीट पर आरजेडी का दावा है, लेकिन दीपांकर भट्टाचार्य ने उम्मीद जताई कि बात बन जाएगी. उन्होंने कहा कि पढ़े-लिखे युवाओं का विधानसभा पहुंचना जरूरी है.
 बिहार में सीएम पद के चेहरा के ऐलान को लेकर बोले भट्टाचार्य
सीएम पद के चेहरे के ऐलान को लेकर दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि पिछली बार तेजस्वी ही विपक्ष की तरफ से सीएम उम्मीदवार थे. सही समय पर उनके नाम का ऐलान हो जाएगा. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि एनडीए नीतीश का नाम घोषित कर दे और तेजस्वी का नाम औपचारिक रूप से घोषित न हो, तो भी लोगों के सामने स्थिति स्पष्ट है.
प्रशांत किशोर की वफादार बीजेपी के साथ- भट्टाचार्य
प्रशांत किशोर के फैक्टर को लेकर दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा, “उनकी वफादारी बीजेपी के साथ है. उन्हें इंडिया गठबंधन को डिस्टर्ब करने के लिए उतारा गया है. लोकसभा चुनाव में उन्होंने “परसेप्शन मैनेजमेंट” के जरिए बीजेपी को एक दर्जन सीटों का फायदा पहुंचाया. वो बड़ी–बड़ी बातें कर रहे हैं लेकिन कोई ठोस रोडमैप नहीं है. वहीं, ओवैसी की पार्टी AIMIM को लेकर उन्होंने कहा कि इस बार उनका असर नहीं होगा, वोट दो हिस्से में रहेगा.”
पीएम मोदी के बिहार दौरे पर बोले दीपांकर
पीएम मोदी के लगातार बिहार का दौरा करने को लेकर दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि पीएम पहले पहलगाम और ऑपरेशन सिंदूर के नाम पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन उन्हें लगा कि बात नहीं बनेगी, तो जाति आधारित जनगणना का ऐलान कर दिया. लेकिन अब इससे आगे की बात करनी होगी, आरक्षण की सीमा बढ़ाने की बात करनी होगी.

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