हैदराबाद के सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के साथ जाने की अटकलों पर जवाब दिया. ओवैसी ने कहा कि अब एकतरफा मोहब्बत नहीं होने वाली है. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता को समझना चाहिए कि हमारे खिलाफ जो आरोप लगाए थे, वे झूठ पर आधारित थे.
हम भी बीजेपी को हराना चाहते हैं- ओवैसी
इंडिया गठबंधन पर निशाना साधते हुए AIMIM चीफ ओवैसी ने कहा, “वे हम पर इसलिए आरोप लगाते थे क्योंकि वे नहीं चाहते कि गरीबों और उत्पीड़ित लोगों का नेता उनका राजनीतिक नेतृत्व करे. वे चाहते हैं कि बिहार के लोग उनके गुलाम बनें. हम भी बीजेपी को हराना चाहते हैं. हम बिहार में अपने चुनाव अच्छे से लड़ेंगे.”
ओवैसी ने चुनाव आयोग से पूछे सवाल
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “हमारे अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा है कि हमें तीसरा मोर्चा बनाने की कोशिश करनी चाहिए. यह हमारी तरफ से एक कोशिश है. बिहार की जनता के सामने अब सब कुछ साफ हो चुका है.” विशेष मतदाता पुनरीक्षण (SIR) को लेकर ओवैसी ने कहा कि चुनाव आयोग के पास नागरिकता निर्धारित का अधिकार नहीं है. यह अधिकार गृह मंत्रालय के पास है.
उन्होंने कहा, “अगर चुनाव आयोग के पास अधिकार नहीं है तो वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? यहीं कारण है कि यह पिछले दरवाजे से एनआरसी लागू करने जैसा है. बिहार में नवंबर महीने में चुनाव होने वाले हैं. वे सीमांचल के लोगों को शक्तिहीन क्यों बनाना चाहते हैं?”
ECI पर लगाया गरीबों को परेशान का आरोप
ओवैसी ने रविवार (13 जुलाई 2025) को चुनाव आयोग पर गरीब लोगों को परेशान करने का आरोप लगाया. एक्स पर पोस्ट कर उन्होंने कहा, “एक संवैधानिक संस्था (भारतीय चुनाव आयोग) जनता से सूत्रों के माध्यम से संवाद कर रही है जो बेहद शर्मनाक है.” उन्होंने पूछा कि चुनाव आयोग को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उसे मतदाताओं की नागरिकता निर्धारित करने का अधिकार किसने दिया?
आरजेडी को इस बात का डर है कि अगर सीमांचल से ओवैसी अपना उम्मीदवार मैदान में उतारते हैं तो पिछले चुनाव की तरह उनका खेल बिगड़ सकता है. इस वजह से आरजेडी ने कहा कि अगर ओवैसी बीजेपी को हराना चाहते हैं तो बिहार में चुनाव न लड़ें.
ये भी पढ़ें : ‘चुपके से पार्टनर की कॉल रिकॉर्ड कर कोर्ट में पेश करना गलत नहीं’, तलाक के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कही ये बात