बिहार में बढ़ते अपराध पर इन दिनों राजनीतिक बवाल मचा है. विपक्ष सरकार पर हमलावर है और जनता में भी आक्रोश है. वहीं बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने बिहार में बढ़ते अपराध का ठीकरा आरजेडी पर फोड़ा है. उन्होंने कहा कि पूर्व में बिहार में एनडीए सरकार में बहुत हद तक अपराध पर लगाम लग गया था. हम लोगों की गलती से आरजेडी दो बार सत्ता में आ गई और वो जिंदा हो गए. उस कारण अपराधियों का मनोबल बढ़ गया. बिहार में आपराधिक घटनाएं होने लगी.
विजय सिन्हा ने क्या कहा?
सीएम नीतीश ने स्पष्ट कहा कि अब आरजेडी को दोबारा मौका नहीं देंगे. यह जब-जब आते हैं अपराध भ्रष्टाचार बढ़ाता है. कानून का राज स्थापित करेंगे. विजय सिन्हा ने कहा कि अपराधियों माफियाओं का गठजोड़ बिहार सरकार को बदनाम करने का सुनियोजित खेल खेल रहा है, लेकिन सरकार संकल्पित हैं. आज बुल्डोजर अपराधियों के घर पर चल रहा है. एनकाउंटर हो रहे हैं. अवैध संपत्ति भी जब्त हो रही है.
उन्होंने कहा कि आपराधी पाताल में भी छुपा रहेगा तो खींचकर निकालकर जहन्नुम में पहुंचाया जाएगा. पुलिस में अच्छे लोग भी हैं, जो अपराधियों को चुन चुनकर ठोकेंगे, लेकिन दुर्भाग्य है कि बिहार में कई ऐसे थानेदार हैं जो आरजेडी की मानसिकता वाले हैं, जो जमीन माफियाओं के साथ मिलकर खेल कर रहे हैं. हम इसको लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अवगत कराए हैं. वैसे थानेदार चिन्हित किए जा रहे हैं. कार्रवाई होगी. वैसे थानेदार जो अकूत संपत्ति बनाए हुए हैं. उन पर भी कार्रवाई शुरू होगी.
वहीं बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान में चौंकाने वाला खुलासे पर तेजस्वी यादव और ओवैसी ने भी सवाल खड़े किए हैं. इस पर विजय सिन्हा ने कहा कि तेजस्वी जंगलराज अराजकता में प्रशिक्षण प्राप्त किए हुए हैं. मूत्र जैसे शब्द का प्रयोग करते हुए तेजस्वी का जीभ कट क्यों नहीं गया? चुनाव आयोग को धन्यवाद देते हैं कि ऐसे लोगों की पहचान की गई.
‘बिहार धर्मशाला नहीं है’- विजय सिन्हा
उन्होंने कहा कि अब जांच इस बात की होनी चाहिए कि नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार के लोगों का किस सरकार के शासनकाल में मतदाता सूची में नाम शामिल किया गया? किन अधिकारियों ने मदद की इसकी भी जांच हो. बिहार धर्मशाला नहीं है. बिहार को बंगाल, बांग्लादेश नहीं बनने दिया जाएगा. इन विदेशी लोगों ने देश को कमजोर करने की साजिश की है. इनको बेनकाब कर देश से बाहर किया जाए. ओवैसी छाती पीटेंगे ही. वह पाकिस्तान बांग्लादेश के एजेंडा पर चलते हैं. तेजस्वी, राहुल गांधी भी ओवैसी के रास्ते पर चल चुके हैं. राहुल, तेजस्वी के नेता ओवैसी हैं.
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