बिहार में गजब हो रहा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बाद अब भाकपा (माले) सांसद सुदामा प्रसाद की पत्नी का दो अलग-अलग मतदाता पहचान पत्र (आरजीएक्स 3264140 और डब्ल्यूवीए 0308544) होने का मामला सामने आया है. चुनाव कार्यालय के सूत्रों ने यह जानकारी रविवार (03 अगस्त, 2025) को दी. सांसद ने एसआईआर को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दी थी.
बिहार चुनाव कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि उनकी एक मतदाता पहचान पत्र संख्या आरा विधानसभा क्षेत्र में पंजीकृत थी, जहां लावारिस सेवा केंद्र को मतदान केंद्र बनाया गया था, जबकि दूसरी अगिआंव विधानसभा क्षेत्र से संबंधित थी, जहां सामुदायिक भवन अरैल को मतदान केंद्र बनाया गया था. दोहरे ईपीआईसी नंबर विवाद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव से जुड़े विवाद के काफी करीब है, जिनके पास भी कथित तौर पर दोहरे मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) नंबर हैं.
कोर्ट में 12 अगस्त तक टाली गई सुनवाई
बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची संशोधन को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई 12 अगस्त तक टाल दी थी और आश्वासन दिया था कि अगर मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर मतदाता सूची से बाहर किए जाते हैं तो वह तुरंत हस्तक्षेप करेगा.
तेजस्वी के पास भी हो सकते हैं दो ईपीआईसी नंबर
दूसरी ओर तेजस्वी यादव ने बीते शनिवार को पटना में दावा करके राजनीतिक बवाल खड़ा कर दिया कि बिहार की मसौदा मतदाता सूची में उनका नाम गायब है. चुनाव आयोग के सूत्रों ने संकेत दिया कि उनके पास दो ईपीआईसी नंबर हो सकते हैं, जिनमें से केवल एक ही एसआईआर में मान्य है.
चुनाव कार्यालय ने रविवार को उन्हें पत्र लिखकर उनके दूसरे ईपीआईसी नंबर का विवरण मांगा, जो उनके अनुसार मतदाता सूची से हटा दिया गया था. दीघा विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक पंजीयन अधिकारी (ईआरओ) ने विपक्ष के नेता से उस मतदाता पहचान पत्र की मूल प्रति प्रस्तुत करने को कहा है, जिसका क्रमांक मसौदा मतदाता सूची से गायब होने का आरोप है.
ईआरओ ने लिखा कि आपसे अनुरोध है कि कृपया 2 अगस्त, 2025 को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में आपके द्वारा उल्लिखित मतदाता पहचान पत्र (कार्ड की मूल प्रति सहित) का विवरण अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराएं, ताकि इसकी गहन जांच की जा सके. तीन अगस्त के पत्र में कहा गया है कि यह पत्र तेजस्वी यादव द्वारा दो अगस्त, 2025 को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए गए उस बयान से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने एक जुलाई की पात्रता तिथि के आधार पर प्रकाशित मसौदा मतदाता सूची में नाम शामिल न करने के संबंध में कहा था.
बिहार में गजब हो रहा! तेजस्वी यादव के बाद अब इस सांसद की पत्नी के पास हो सकते हैं 2 EPIC नंबर
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