2025 के विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के युवाओं के हित में बड़ा फैसला लिया और शिक्षा विभाग की नौकरियों में 40% डोमिसाइल नीति लागू कर दी गई. कैबिनेट से यह पास भी हो गया. सवाल है कि डोमिसाइल पॉलिसी क्या है और इससे बिहार के युवाओं को कितना फायदा होगा? अन्य राज्य के युवाओं पर क्या असर पड़ेगा? रिपोर्ट में पूरा हिसाब-किताब समझिए.
क्या है डोमिसाइल पॉलिसी? (What is Domicile Policy)
डोमिसाइल का मतलब है किसी व्यक्ति का स्थायी निवास या वह स्थान जहां वह कानूनी रूप से रह रहा है. डोमिसाइल का मतलब है कि जिस राज्य के आप निवासी हैं, यानी आपका जहां घर है. डोमिसाइल नीति के मुताबिक, प्रदेश की सरकार उसी प्रदेश के लोगों के लिए सरकारी नौकरियों में सीटों को आरक्षित रखती है.
किसे मिलेगा इसका लाभ?
अब बिहार के शिक्षा विभाग में 40% डोमिसाइल नीति लागू कर दी गई है तो इसका असर क्या होगा यह समझना जरूरी है. अब इससे बिहार के 85 से 88% युवाओं के लिए शिक्षा विभाग में नौकरी आरक्षित हो गई है. यानी 100 में 88% बिहार के ही युवाओं को नौकरी मिलेगी. हालांकि विभाग ने यह भी दर्शाया है कि जिन अभ्यर्थियों का मैट्रिक और इंटरमीडिएट का सर्टिफिकेट बिहार के शिक्षण संस्थान का होगा उसी को यह लाभ मिलेगा. इसमें बाहर के राज्यों के जिन्होंने बिहार से ही मैट्रिक और इंटरमीडिएट की शिक्षा ली है उन्हें भी यह लाभ मिल जाएगा.
यह भी समझना जरूरी है कि 40% डोमिसाइल लागू होने से करीब 88% बिहार के युवाओं को कैसे लाभ मिलेगा? पहले से बिहार की सभी भर्तियों में 74% डोमिसाइल लागू है. क्योंकि 50% जाति आधारित आरक्षण है जो सिर्फ बिहार के अभ्यर्थियों के लिए है. 10% आर्थिक रूप से कमजोर के लिए है. यह भी बिहार के लोगों के लिए ही मान्य है.
बिहार में 2016 से महिलाओं के लिए 35% आरक्षण लागू है. कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की थी कि राज्य की सभी सरकारी सेवाओं में सिर्फ बिहार की महिलाओं को ही 35 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जाएगा. इसके बाद कैबिनेट से भी मुहर लग गई. अब इसका असल असर अनारक्षित वर्ग के 40 फीसद पदों पर हुआ है. इसमें 35% के हिसाब से 14% जेनरल महिलाओं के लिए भी आरक्षित हो गया है. इस हिसाब से पहले से 60 (50 जाति आधारित और 10 ईडब्ल्यूएस) और अब 14 मिलाकर 74 फीसद पद पर एक तरह से डोमिसाइल प्रभावी हो गया है.
अब 40% डोमिसाइल की बात आई है तो 74% के अलावा बिहार के 14 से 15% सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को इसका सीधा-सीधा लाभ मिल जाएगा. यह लाभ सिर्फ शिक्षा विभाग में है. अन्य बहालियों में अभी घोषणा नहीं की गई है.
बता दें कि शिक्षक बहाली के पहले चरण (TRE-1) से ही डोमिसाइल की मांग तेज हो गई थी. अब तक तीन चरण में हुई शिक्षकों की बहाली में बिहार के बाहर के कई राज्यों के काफी शिक्षक भर्ती हुए हैं. इसके बाद डोमिसाइल नीति की मांग को लेकर काफी आंदोलन भी हुआ. कहा जा रहा था कि मध्य प्रदेश, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे राज्यों में डोमिसाइल नीति पहले से लागू है फिर बिहार में सभी राज्यों को लोगों को नौकरी क्यों दी जा रही है?
बिहार: शिक्षा विभाग में डोमिसाइल नीति लागू, क्या होगा असर? किसे कितना फायदा? जानें
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