Bengaluru Stampede: बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में आईपीएल में जीत के जश्न के दौरान हुई भगदड़ की दर्दनाक घटना में 11 लोगों की मौत हो गई. सुरक्षा गार्डों ने भीड़ को रोकने की पूरी कोशिश की, लेकिन भारी भीड़ के सामने वे मजबूर होकर रास्ता दे बैठे. एक सुरक्षा गार्ड ने बताया, “हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा था, हम डर गए थे इसलिए भीड़ को जाने दिया.”
सुरक्षा गार्डों ने NDTV से बातचीत में बताया कि भारी भीड़ के सामने उनके पास भीड़ को अंदर जाने देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था. सुरक्षा गार्ड ने कहा, “हम पूरी कोशिश कर रहे थे भीड़ को नियंत्रित करने की, लेकिन जब लोग गेटों पर इतनी तेजी से उमड़ पड़े और दबाव बढ़ गया, तो हमें डर लगा. स्थिति ऐसी थी कि हम उन्हें रोक नहीं सके. अंततः मजबूरी में हमने भीड़ को आगे जाने दिया.”
भारी भीड़ के चलते जश्न मातम में बदला
राजधानी में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की पहली IPL जीत के जश्न में हजारों लोग स्टेडियम में जमा हुए. टिकटधारकों के साथ-साथ कई बिना टिकट वाले भी प्रवेश करने की कोशिश में जुटे थे. भारी भीड़ के कारण चिन्नास्वामी स्टेडियम के गेटों पर अफरातफरी मच गई.
भीड़ नियंत्रण में पुलिस और सुरक्षा बल फेल
पुलिस के मुताबिक करीब 50,000 लोग स्टेडियम के 1 किलोमीटर के दायरे में थे और संख्या लगातार बढ़ती जा रही थी. वीभत्स स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया, लेकिन भीड़ संभालना मुश्किल हो गया.
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जताई असमर्थता
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि यह कार्यक्रम राज्य क्रिकेट संघ और सरकार दोनों ने मिलकर आयोजित किया था, लेकिन इतनी बड़ी भीड़ की कोई उम्मीद नहीं थी.
मुख्य कारण: असंगठित प्रवेश व्यवस्था और गलतफहमियां
सूत्रों के अनुसार, विक्ट्री परेड की उलझन, मुफ्त पास की अफवाहें, सीमित सीटें और भारी भीड़ भगदड़ के मुख्य कारण रहे. भीड़ 2 बजे से स्टेडियम के बाहर जमा होने लगी थी, और टीम बस के आने की उम्मीद ने माहौल को और उत्साहित कर दिया.
सरकार ने जांच के आदेश दिए
मुख्यमंत्री ने इस दुखद घटना की मजिस्ट्रियल जांच का आदेश दिया है और मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए मुआवजे का ऐलान किया है. घायल हुए लोगों के इलाज का भी पूरा खर्च सरकार उठाएगी.