बेंगलुरु भगदड़ मामला: कोहली का ‘यार’ गिरफ्तार… क्या सिर्फ निखिल ही है असली गुनहगार! जानें किन पर लटक रही तलवार

by Carbonmedia
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Bengaluru Stampede IPL RCB: 18 साल बाद मिली जीत का जश्न अब रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के लिए बड़ी मुसीबत बनता नज़र आ रहा है. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई 11 मौतों और 50 के करीब घायलों को लेकर बेंगलुरु पुलिस ने बड़ी कारवाई करते हुए आरसीबी के मार्केटिंग हेड और क्रिकेटर विराट कोहली के बेहद करीबी निखिल सोसाले को गिरफ्तार किया है. जबकि कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों की तलाश बेंगलुरु पुलिस कर रही है. लेकिन सवाल ये है कि क्या केवल निखिल की वजह से ही इतना बड़ा हादसा हो गया या फिर इस घटना के और भी गुनहगार है जिनकी जांच होना बेहद जरूरी है.


निखिल के साथ डीएनए इवेंट कंपनी के तीन कर्मचारी भी हिरासत में


निखिल सोसाले को बेंगलुरु पुलिस ने शुक्रवार (6 जून) को तब गिरफ्तार किया जब वो मुंबई जाने की तैयारी में थे. बेंगलुरु पुलिस का दावा है कि जश्न की पुरी जिम्मेदारी निखिल और उनकी टीम की थी, जिसकी वजह से स्टेडियम के बाहर हुए हादसे के मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया. निखिल के साथ ही डीएनए इवेंट कंपनी के तीन कर्मचारी सुनिल मैथ्यूज, सुमंत और किरन को बेंगलुरु पुलिस ने हिरासत में लिया है.


निखिल सोसाले पर क्या है आरोप?


निखिल पर आरोप है कि उन्होंने बिना पुलिस इजाजत के खुद ही आरसीबी के सोशल मिडिया पेज पर स्टेडियम के बाहर विकट्री परेड की घोषणा कर दी, जबकि पुलिस ने परेड का आयोजन करने से साफ मना किया था. पुलिस के मुताबिक, निखिल के कहने पर ही आरसीबी मैनेजमेंट ने स्टेडियम के अंदर फ्री एंट्री की सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर घोषणा कर दी, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में फैंस स्टेडियम पहुंचे, जबकि मुफ्त में टिकट ही नहीं बांटे गए.


कौन है निखिल सोसाले?


39 साल के निखिल सोसाले पिछले करीब दो साल से रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के मार्केटिंग और रेवेन्यू हेड हैं. सोसाले मूल रूप से डियाजियो इंडिया के कर्मचारी हैं, जो RCB के मालिक यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड (USL) का संचालन करती है. टीम के पूर्व मालिक विजय माल्या के जाने के बाद USL आरसीबी का पूर्णकालिक मालिक बन गया.


वहीं, सोसाले की बात करें तो, वे RCB ब्रांड के पीछे की डिजाइन और रणनीति के प्रभारी हैं. RCB निस्संदेह IPL की सबसे लोकप्रिय टीमों में से एक है. बेंगलुरु में रहने वाले सोसाले 13 साल से डियाजियो के साथ हैं, जहां उन्होंने पूरी फ्रैंचाइजी के साथ मिलकर काम किया है. इस दौरान सोसाले RCB में बिजनेस पार्टनरशिप के प्रमुख भी रहे हैं.


विराट और अनुष्का की दोस्ती की वजह से अक्सर चर्चा में रहे निखिल सोसाले


सोसाले ने ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड स्थित जेम्स कुक विश्वविद्यालय से डबल मेजर की डिग्री प्राप्त की है. लेकिन निखिल विराट कोहली और अनुष्का के साथ उनकी दोस्ती की वजह से अक्सर चर्चा में रहे हैं. निखिल और विराट बेहद अच्छे दोस्त हैं लेकिन इनके दोस्ती की वजह निखिल की पत्नी मालविका नायक और अनुष्का शर्मा की लंबी और गहरी दोस्ती बनीं. बताया जाता है अनुष्का और मालविका के बीच बहुत करीबी रिश्ता है और अक्सर उन्हें एक साथ मैच देखने या अपने-अपने जीवनसाथी के साथ बाहर जाते हुए देखा जाता है.


निखिल की सबसे पहले दोस्ती दीपिका पादुकोन के साथ थी, जिसकी वजह से निखिल सिद्धार्थ माल्या के करीब पहुंचे और टीम आरसीबी के साथ जुड़ गए. आरसीबी के साथ काम करते-करते निखिल की दोस्ती महेंद्र सिंह धोनी, युवराज सिंह, सुरेश रैना, जहीर खान, ट्रेविस हेड, युजवेंद्र चहल के साथ हुई और फिर मालविका के साथ शादी के बाद विराट-अनुष्का से उनकी नजदीकियां बढ़ीं.


क्या कुछ खिलाड़ियों की अनुपलब्धता की वजह से जल्दबाजी में किया गया आयोजन?


निखिल आरसीबी टीम से जुड़ा एक बड़ा नाम है, लेकिन खबर यह भी है कि कुछ खिलाड़ियों की वजह से ही आरसीबी की विक्ट्री परेड बिना किसी पुख्ता तैयारियों के आयोजित की गई. सूत्र बताते हैं कि बेंगलुरु पुलिस बुधवार (4 जून) को ही विधानसभा और चिन्नास्वामी स्टेडियम में आयोजित दोनों कार्यक्रमों को एक साथ करने के पक्ष में नहीं थी और इसकी जानकारी कर्नाटक सरकार और आरसीबी दोनों को ही दी गई.


कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ ने मंगलवार (3 जून) को ही सरकार को एक पत्र लिखकर बुधवार (4 जून) को होने वाले सम्मान समारोह की जानकारी दी थी, जो विधानसभा में आयोजित होना था. लेकिन आरसीबी मैनेजमेंट में उसी दिन स्टेडियम के बाहर और अंदर विक्ट्री परेड की भी घोषणा बिना अनुमति के कर दी, क्योंकि टीम के कुछ महत्वपूर्ण खिलाड़ी अगले ही दिन भारत के बाहर जानेवाले थे.


कार्यक्रम के आयोजन के लिए बेंगलुरु पुलिस ने दिया था सुझाव


सूत्रों के मुताबिक, उसी दिन यानी मंगलवार (3 जून) को सेल‍िब्रेशन की जानकारी भी सरकार को थी और सरकार के दबाव के चलते ही बेंगलुरु पुलिस ने स्टेडियम परिसर में कार्यक्रम आयोजित होने दिया. पुलिस का सुझाव था कि इन आयोजनों को रविवार (8 जून) तक टाल देना चाहिए था, ताकि सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम हो सके.


अब यह सवाल उठ रहा है कि अगर पुलिस ने पहले से चेताया था, तो फिर आखिर किसके दबाव में और क्यों इन आयोजनों की अनुमति दी गई, जिससे भगदड़ जैसी दुखद घटना हुई.

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