भागवताचार्य पं. लक्ष्मण हरिवासी श्री धाम वृंदावन वाले ने श्रीमद्भागवत पर चर्चा करते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण का सानिध्य पाने से जीवन की सभी बेडिय़ां खुल जाती हैं । मगर जैसे ही मनुष्य माया का श्रेय लेता हैं फिर से मोह-माया रुपी बेडिय़ों में जकड़ा जाता है। भागवताचार्य पं. लक्ष्मण हरिवासी ने यह विचार मौड़ रोड विनायक कालोनी गली नंबर 9 में आयोजित श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के दौरान मंगलवार को प्रवचनों की अमृतवर्षा करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि जो जीव भगवान को पूर्णता समर्पित हो जाता है फिर उसके जीवन में किसी प्रकार की अन्य इच्छाएं नहीं रहती। इसलिए अपने जीवन को भगवान पर छोड़ दो। वो खुद अपनी नय्या पार लगाएंगे। श्रीमद्भागवत श्रवण कर अज्ञान का नाश करने की प्रेरणा देते हुए कहा कि अज्ञान का नाश करने के लिए शरीर को अत:करण सहित पवित्र और शुद्ध रखना होता है, जो साधक साधना करके सुख-दु:ख के स्तर से ऊपर उठ चुके हैं, उनका जीवन धन्य है। बल्कि उन्होंने मनुष्य शरीर मिलने का उद्देश्य पूरा कर लिया। अन्यथा अधिकांश व्यक्ति सुख भोग के प्रलोभन में आकर सांसारिक वस्तुओं में घिरकर दु:ख भोग रहे हैं। जो साधक विषय भोगों के जाल में फंसा होगा वह अपने मन को पवित्र रखने में असमर्थ होगा। जब तक मनुष्य विवेक द्वारा अपने आचरण को ठीक नहीं रखेगा तब तक मन का पवित्र व शुद्ध रहना असंभव है। बता दें कि पं. लक्ष्मण द्वारा जहां श्रीमद्भागवत कथा रसपान करवाया जा रहा है, वहीं भजन गंगा में डुबकियां लगवाई जा रही हैं। कथा स्थल भगवान श्री कृष्ण के रंग में रंगा नजर आ रहा था । श्रद्धालु भाव-विभोर होकर आनंदित्त होकर कथा श्रवण करते दिखाई दे रहे थे। कथा का समापन 6 जून को होगा। श्रीमद्भागवत कथा करते हुए पं. लक्ष्मण हरिवाली और समागम में उपस्थित श्रद्धालु।
‘भगवान का सानिध्य पाने से खुल जाती हैं जीवन की सभी बेड़ियां’
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