भरतपुर पुलिस की साइबर ठगों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, जयपुर और हरियाणा से 8 गिरफ्तार

by Carbonmedia
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Rajasthan News: राजस्थान के भरतपुर जिले की कोतवाली थाना पुलिस ने साइबर ठगों के खिलाफ बड़ी कार्यवाई करते हुए साइबर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर जयपुर और हरियाणा से 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.


इन आरोपियों ने लोगों से लगभग 5 करोड़ रुपये ठगे हैं. ठगी के आरोपियों ने 2023 में मार्केटिंग इन्वेस्टमेंट कंपनी शुरू की थी. लोगों को रकम दोगुनी करने का लालच देकर अपने चंगुल में फंसाया है पूछताछ में सामने आया है की अब तक सैकड़ों लोगों को अपना  शिकार बना चुके है.

भरतपुर की कोतवाली थाना क्षेत्र में रहने वाले मनीष गर्ग ने 13 मई को कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए अपने साथ लगभग 80 लाख की ठगी होने का मामला दर्ज कराया था.  
पुलिस ने ऑप्रेशन साइबर शील्ड के तहत साइबरों ठगों के खिलाफ जाँच शुरू की.  पुलिस को अनुसंधान में अब तक कागभाग 5 करोड़ की राशि ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट और 30 हजार USD क्रिप्टो ट्रेंडिंग के नाम पर ठगी होना पाया गया है.

साइबर ठगों की हुई पहचान
पुलिस ने अमित कुमार, 29, सौरभ सैथी, सूरज मील ,25 , 28, दिनेश धोबी, 29, हेमराज वर्मा, 25, मूल निवासी जयपुर, समित सुधार, 20, मूल निवासी उदयपुर, चिराग यादव, 27, सुनील प्रजापत, 27, मूल निवासी हरियाणा को आईटी एक्ट में गिरफ्तार  किया है. पुलिस ने आठों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया.  कोर्ट ने पूछताछ के लिए 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है.  

गौरतलब है की  9 मई को भरतपुर रेंज पुलिस ने 400 करोड़ रुपये की साइबर ठगी का भंडाफोड़ किया था. इस मामले में एक कंपनी के निदेशक दंपत्ति समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इन लोगों पर कौशल आधारित ऑनलाइन गेम के जरिए लोगों से ठगी करने का आरोप था. गिरोह का मुख्य आरोपी अभी भी फरार है. गिरोह के मुख्य आरोपी की पहचान उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद निवासी शशिकांत सिंह के रूप में हुई है. उसने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) की परीक्षा पास की है. उसने अपने मामा रविंद्र सिंह का सहारा लिया जो उत्तर प्रदेश के बलिया के रहने वाले हैं.

रविंद्र सिंह ने भी मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) किया है. पुलिस ने 54 वर्षीय रविन्द्र सिंह, उनकी पत्नी कुमकुम देवी, 38 वर्षीय और दिनेश सिंह, 49 वर्षीय को गिरफ्तार किया है, जो रुक्नेक एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड – (गुड़गांव-हरियाणा), सेल्वाकृष्णा आईटी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड- (चेन्नई-तमिलनाडु), एसकेआरसी इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड (भिवंडी, ठाणे महाराष्ट्र), नित्याश्री मैनपावर एंड कॉन्ट्रैक्ट वर्क्स – (नागपट्टिनम, तमिलनाडु) के निदेशक थे. वे दिहाड़ी मजदूर है.

क्या कहना है पुलिस का
सिटी सर्किल ऑफिसर पंकज यादव ने बताया कि भरतपुर पुलिस ने साइबर ठगों के खिलाफ कार्रवाई की है 13 मई को एक परिवादी जिसका नाम मनीष है उसने रिपोर्ट दी की मेरे साथ 22 लाख रुपये की साइबर ठगी हुई है उसके बाद पुलिस ने पता लगाया कि कौन लोग है. इन लोगों ने एक इन्वेस्टमेंट कम्पनी बनाकर लोगों से वादा करते थे की अगर 100 रुपये लगाएंगे तो आपको 5 रुपये रोजाना के मिलेंगे और अन्य लोगोंको जोड़ोगे तो 10 रुपये रोजाना मिलेंगे जितने लोगों को आप जोड़ोगे उतना आपका मुनाफा बढ़ता जायेगा.


साइबर ठगों ने नेक्स्ट्रेड नाम की कंपनी बनाई थी उसकी वेबसाइट बनाकर लोगों से इन्वेस्टमेंट कराया और उस पैसे को अमित बाबल और उसकी पत्नी के नाम से जो बैंक में खाता था उसमे गया था. शुरू में लोगों में विश्वास पैदा करने के लिए उन्होंने लोगों को पैसा भी दिया जब  लोगों को विश्वास हो गया तो उन्होंने ज्यादा पैसा लगाया जब कम्पनी में ज्यादा इन्वेस्टमेंट हो गया तो उन्होंने कंपनी को बंद कर दिया.


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