राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ किशनराव बागड़े और डिप्टी सीएम डॉ. प्रेम चंद बैरवा मंगलवार (29 जुलाई) को महाराजा सूरजमल बृज यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में एक दिवसीय दौरे पर भरतपुर पहुंचे. यहां राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में सम्बोधित करते हुए खिलजी बादशाह को हरामखोर कह दिया.
राज्यपाल ने अपने भाषण के दौरान कहा, “अंग्रेजों की शिक्षा पद्धति आज भी हमारे देश में जारी है जिसे बदलना जरूरी है. मोहम्मद बख्तियार खिलजी हरामखोर व्यक्ति था जिसने नालंदा विश्वविद्यालय को जला डाला था.”
‘नालंदा विश्वविद्यालय के आयुर्वेद विशेषज्ञ से नहीं लिया इलाज’
उन्होंने आगे कहा, “उस जमाने में विश्व में सबसे बड़े दो विश्वविद्यालय नालंदा और तक्षशिला हमारे भारत देश में थे . लेकिन 1193 में मोहम्मद बख्तियार खिलजी आया था जहां वह बीमार हो गया था. बख्तियार के लोगों ने उनको कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय में आयुर्वेद के एक विशेषज्ञ है उनसे इलाज ले सकते हैं लेकिन बख्तियार ने कहा की ये लोग काफर है इनसे मै इलाज नहीं लूंगा.”
‘कुरान के पन्नों पर दवाई लगाकर दी’
राज्यपाल ने बताया, “उसके बाद नालंदा विश्वविद्यालय के आयुर्वेद विशेषज्ञ ने बख्तियार खिलजी को कुरान के पन्नों में दवाई लगाकर दी. जब वह कुरान पढ़ता तो थूक लगाकर पन्ने बदलता और वह दवा उसके पेट में चली गई जिससे वह ठीक हो गया. लेकिन ठीक होने के बाद बख्तियार ने कहा इस तरह की शिक्षा पद्धति हमारे देश में नहीं है इसलिए नालंदा विश्वविद्यालय को जला दिया जाए.”
‘9 मंजिला इमारत को जलाया’
उन्होंने ये भी कहा, “नालंदा विश्वविद्यालय की 9 मंजिला इमारत थी. जिसको जला दिया गया सारी किताबें जला दी गई, लेकिन नालंदा विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने कहा कि किताबें जला दी गई हैं तो क्या ज्ञान तो हमारे दिमाग में है फिर से किताब लिख देंगे.”
‘नहीं बदल पाए शिक्षा पद्धति’
राज्यपाल ने भाषण के दौरान आगे कहा, “अंग्रेजी गवर्नरों ने यह माना था जब तक हिंदुस्तान की शिक्षा नहीं बदली जाएगी तब तक हम उनको गुलाम बनकर नहीं रख सकते और उन्होंने हमारी शिक्षा पद्धति को बदल दिया गुरुकुलों को खत्म कर दिया. लेकिन बड़ी विडंबना यह है कि आजादी के बाद भी हमारी शिक्षा पद्धति हम नहीं बदल पाए हैं. वही अंग्रेजों के जमाने की शिक्षा पद्धति चल रही है.”
भरतपुर में राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े बोले, ‘मोहम्मद बख्तियार खिलजी हराम**&$~ व्यक्ति था, उसने…’
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