India Action on China: भारत ने आतंक के पनाहगार पाकिस्तान की मदद करने वाले चीन को करारा झटका दिया है. भारत सरकार ने चीन से आने वाले चार केमिकल्स पर इस महीने (जून 2025) एंटी डंपिंग ड्यूटी लगा दी है. घरेलू कंपनियों को चीन से सस्ते दाम पर आयातित उत्पादों से बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है.
इन केमिकल्स पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगी
सरकार ने ये शुल्क पेडा (खरपतवार नाशक), एसीटोनिट्राइल (दवा क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाला रसायन), विटामिन-ए पामिटेट और अघुलनशील सल्फर पर लगाया गया है. इन रसायनों के आयात पर लगाया गया शुल्क पांच साल की अवधि के लिए लगाया जाएगा. वाणिज्य मंत्रालय की शाखा व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) की सिफारिशों के बाद यह शुल्क लगाया गया है.
एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने के बाद क्या होगा नया शुल्क?
चीन, रूस और ताइवान से आयातित पेडा पर शुल्क 1,305.6 से 2017.9 डॉलर प्रति टन होगा जबकि एसीटोनिट्राइल पर 481 डॉलर प्रति टन तक का शुल्क लगाया गया है. इसी तरह सरकार ने चीन, यूरोपीय संघ और स्विट्जरलैंड से आयातित विटामिन-ए पामिटेट पर 20.87 अमेरिकी डॉलर प्रति किलोग्राम तक का शुल्क लगाया है.
टायर उद्योग में इस्तेमाल होने वाले अघुलनशील सल्फर के आयात पर 358 अमेरिकी डॉलर प्रति टन तक का शुल्क लगाया है. इसका आयात मुख्य रूप से चीन और जापान से होता है.
क्या होता है एंटी डंपिंग शुल्क?
जब कोई देश अपने प्रोडक्ट को कम कीमत पर दूसरे देश को एक्सपोर्ट करता है तो उसे डंपिंग किया जाता है. जिस देश में डंपिंग किया जा रहा है वहां बनने वाले प्रोडक्ट्स पर इसका असर पड़ता है. इससे घरेलू बाजार में निर्यात वाले प्रोडक्ट की कीमत कम हो जाती है और इसका असर घरेलू ब्रांड की बिक्री पर पड़ता है.
अधिक लागत होने की वजह से घरेलू कंपनियां सस्ते विदेशी प्रोडक्ट्स के मुकाबले अपने प्रोडक्ट्स को इतनी कीमत पर नहीं बेच पाएंगी. इससे उनकी डिमांड कम हो जाएगी, जिस वजह से कई कंपनियां बंद हो जाएंगी. सरकार घरेलू व्यवसायों के हितों और देश की अर्थव्यवस्था का ध्यान रखते हुए एंटी डंपिंग शुल्क लगाती है.
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