भारत की तरफ से मिडिल ईस्ट के देश कुवैत के फ्लाइट राइट्स में बढ़ोत्तरी की गई है. भारत और कुवैत के बीच साप्ताहिक सीटों की संख्या पहले 12,000 थी, जिसमें अब 50 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. इसके बाद दोनों देशों की एयरलाइंस प्रति सप्ताह 18,000 सीटों का इस्तेमाल कर सकेंगी.
इस समझौते पर भारत के विमानन सचिव समीर कुमार सिन्हा और कुवैत डीजीसीए के अध्यक्ष शेख हमूद अल-मुबारक ने हस्ताक्षर किए. कुवैत को 18 वर्षों के बाद अधिक द्विपक्षीय समझौते मिले, जब इसकी क्षमता 8,320 से बढ़ाकर 12,000 कर दी गई थी.
54 साप्ताहिक उड़ानों के साथ कुवैत एयरवेज टॉप परयह बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है, जब दोनों देशों की एयरलाइन ने बहुत पहले ही अपनी-अपनी स्वीकृत सीटों का पूरा इस्तेमाल कर लिया था. एयर इंडिया एक्सप्रेस, अकासा, इंडिगो, जजीरा एयरवेज और कुवैत एयरवेज दोनों देशों के बीच प्रतिदिन लगभग 40 उड़ानें संचालित करती हैं. 54 साप्ताहिक उड़ानों के साथ कुवैत एयरवेज सबसे बड़ी ऑपरेटर है, जिसके बाद 36 उड़ानों के साथ इंडिगो दूसरे स्थान पर है.
यात्रियों की बढ़ती मांग के चलते कुवैत खासकर दुबई सहित मिडिल ईस्ट के कई अन्य क्षेत्रों की तरह द्विपक्षीय यात्राओं में बढ़ोतरी की मांग कर रहा था. पिछले एक साल में भारत ने थाईलैंड, वियतनाम, इंडोनेशिया और उज़्बेकिस्तान के साथ नए हवाई सेवा समझौते किए हैं.
भारतीय विमानन कंपनियों के हितों में मोदी सरकार के फैसलेमोदी सरकार 2014 से ही द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक ऐसी नीति अपना रही है, जो भारतीय विमानन कंपनियों के हितों को ध्यान में रखती है और देश में आने-जाने वाले अंतरराष्ट्रीय यातायात में उनकी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए कदम उठा रही है. उठाए गए कदमों में भारतीय हवाई अड्डों की क्षमता बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर पूंजीगत व्यय शामिल है ताकि वे बड़े वैश्विक केंद्र बन सकें.
इसमें एयर इंडिया और एआई एक्सप्रेस का विनिवेश अकासा जैसी नई एयरलाइनों को उड़ान भरने का मौका देना और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की भारी बाधाओं के बावजूद इंडिगो को आगे बढ़ने में सक्षम बनाना शामिल है.
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